अंग विच्छेदन के बाद भी उसी अंग को अनुभूति, शस्त्रकर्म द्वारा निकाले गये अंग की अनुपस्थिति में भी उसका थ्याभास होना।
Auto-Transplantation
स्वप्रतिरोपण
व्यक्ति के एक भाग से ऊतक (tissue) का एक टुकड़ा शस्त्रकर्म द्वारानिकाल कर उसी व्यक्ति के दूसरे भाग में प्रविष्ट कर देना।
A. V. Block
ए. वी. ब्लॉक
अलिंद से निलय जाने वाली संवेदना (impulse) में अवरोध दायें- अलिंद में हृदय का गति निर्धारक केंद्र (Pacemaker - SA node) होता है। यहां से संवेदनायें पहले दोनों आलिंदों की दीवारों में व ए. वी. नोड (A. V. node) में व (Av. node) से दोनों निलयों में प्रवेश करती हैं। एवी-नोड से निलयों में प्रवाह हिज़ के विशेष तंतुओं (bundle of His & bundle branches) के द्वारा होता है। ए. वी. ब्लाक में इन्हीं तंतुओं में पूर्ण या आंशिक अवरोध आ जाता है फलस्वरूप सवेदनायें निलयों में नहीं पहुंच पाती है। निलयों की स्वयं की गति के कारण (ventricular ghythm) हृदय गति धीमी (Bradycardia) हो जाती है। हृदय के विद्युत संरेखन (ECG- Electrocardiography) में P-wave नामक तरंगें अनुपस्थित रहती हैं। यह विकृति प्रमुखतः हृदय के अरक्त प्रवाही दौरों (Myocardial infarction) की वजह से होती है। कुछ परिस्थितियों में शल्य कर्म द्वारा लाभ मिल सकता है।
A V Bundle
अलिंद-निलय-गुच्छ
इसे हिज़ के तन्तु गुच्छ भी कहते हैं। यह परिवर्तित मांसपेशी से बना है, इसके द्वारा अलिंद-निलय पर्व से संकोच संवेदना निलय मांसपेशी तक पहुँचती है।
Avascularization
अवाहिका-भव
रक्तवाहिनी में अवरोध कर उत्पन्न के रक्त संचार को रोकना। उदा. किसी अंग को तंग (Tight) बंधन बाँधना।
Avenolith
मलाश्मरी
आंत्र अपाचित अन्न कणों के चारों ओर क्रमशः संचित आंत्र अश्मरी।
Axillary Abscess
कक्षाविद्रधि
कक्षा स्थित स्वेद ग्रन्थियों में संक्रमण से होने वाली विद्रधि।
Axonotmesis
अक्षतन्तु-विच्छेद
जिस तंत्रिका आघात में अक्ष तंतु एवं माईलिन आवरण का प्रविहारण हो जाए, परन्तु संयोजी ऊतक खंड सुरक्षित रहे। तंतूका आघात पश्चात के भाग का अपविकास होता है। इसके तंत्रिका का पुनः विकास होता है।