1. विभिन्न प्रकार की मशीनों में कार्य को पकड़ने का एक उपसाधन। चक को मशीन के तर्कु पर बांधा जाता है और यह ड्रिल, कर्तन औजार या कार्य को पकड़ने रखने के काम आता है।
2. मशीन तर्कु पर लगाये जाने वाली कृत्यक या औजार धारक युक्ति।
Chuck, driver
चालक चक
मेंड्रिल पर आरोपित यह एक नोकदार चक होता है जिसका उपयोग खरादन हेतु खराद - केन्द्रकों के मध्य बंधे कार्य को चलने के लिये किया जाता है।
Chuck, electromagentic
विद्युत - चुम्बकीय चक
इस चक की पृष्ठ में एक के बाद एक छोड़कर इस्पात की इलैक्ट्रोड लगी होती हैं जिनको विद्युत रोधी सामग्री से अलग किया जाता है इन इलैक्ट्रोडों को विद्युत - चुम्बकों से ध्रुवित किया जात है ताकि हल्के सपाट कृत्यक को अपघर्षी मशीन या अन्य मशीन टूल को टेबिल पर मजबूती से पकड़ सके। यह चक केवल इस्पात या लोहे के अवयवों को पकड़ने के काम आता है। इस चक मे दिष्ट धारा विद्युत की आवश्यकता पड़ती है।
Chuck, collet
कालेट चक
इस चक को निर्दिष्ट - व्यास वाले फिनिश हुये कृत्यक को पकड़ने के काम में लाया जाता है यही चक विभिन्न साइज के कालेट को भी धारण कर सकता है ताकि इन कालेटों में विभिन्न व्यासों को फिट किया जाता सके। कृपया चित्र -12 देखें।
Chuck, cup
चषक चक
यह एक खोखला बेलनाकार चक होता है जो कि मेड्रल के मुख पर पेंच द्वारा बंधा होता है। इसमें प्रायः छोटे कृत्यक बांधे जाते हैं। चक की भित्ति में लगे पेंचों द्वारा कृत्यक को कस दिया जाता है।
Chuck, draw
कर्ष चक
इस चक में जबड़ों को चलाने के लिये शुंडाकार बेयरिंग मे उनको अनुदैर्ध्य दिशा में खींचा जाता है। अधिकतर उन्हें कॉलेट के नाम से भी पुकारा जाता है तथा इनका उपयोग एकदम सही कृत्यक के लिये किया जाता है।
Chuck, driving
चालन चक
खराद - चालन प्लेट, इसमें स्लॉट / खांचे बने होते हैं। कृत्यक को पकड़ने के लिये इन स्लॉटों में कुत्तों को फंसा दिया जाता है।
Chuck, expanding
प्रसारी चक
यह चक प्रसार द्वारा खोखले कृत्यक को अन्दर से पकड़ लेता है।
Chuck, four jaw independent
चार - जबड़ा स्वतंत्र चक
इस चक में चार जबड़े लगे होते हैं तथा प्रत्येक जबड़े को स्वतंत्र रूप से कुण्जी द्वारा चलाया जाता है ताकि असम्मित कृत्यक का केन्द्रीकरण सही किया जा सके।
Chuck, oval
अण्डाकार चक
विशेष प्रकार का एक खराद चक, जिसकी सहायता से कार्य को औजार से दूर या औजार की ओर इस प्रकार चलाया जाता है जिससे कृत्यक अण्डाकार बन जायें। बड़े एवं लघु व्यास की स्थिति को परिवर्तित किया जा सकता है। इस चक में उत्केंद्रता को वर्म पहिया एवं स्पर्शी पेंच द्वारा नियंत्रित किया जाता है।