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Paribhasha Kosh (Arthmiti, Janankiki, Ganitiya Arthshastra Aur Aarthik Sankhyiki) (English-Hindi)
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घनात्मक प्रतिपुष्टि
अर्थव्यवस्था के संतुलन की स्थिति से दूर हटने की प्रवृत्ति।
जब अर्थव्यवस्था प्रारंभ में एक बार अपने संतुलन की स्थिति को विचलित होने के बाद नई शक्तियों के अधीन अपने संतुलन की स्थिति से और आगे हटती जाती है तब इन सब शक्तियों को घनात्मक प्रतिपुष्टि कहा जाता है।

Prediction
पूर्व कथन
किसी विचर के भावी परिमाण के बारे में अनुमान।
यह समस्या दो भिन्न स्थितियों में पैदा होती है:— (1) जब संरचना में कोई परिवर्तन नहीं होता अर्थात् जब पर्यवेक्षण की अवधि और पूर्वकथन की अवधि में संरचना समान बनी रहती है, (2) जब संरचना में पर्यवेक्षण अवधि और पूर्वकथन की अवधि में परिवर्तन हो जाता है।
पहली स्थिति में वहिर्जात चरों का अंतर्गत चरों पर जो प्रभाव होता है उसे हम पर्यवेक्षण की अवधि के आँकड़ों से निकाल सकते हैं तथा अन्तर्जात चरों के संबंध में आवश्यक शर्तें निर्धारित कर सकते हैं जिनके अधीन यह संरचना पूर्वकथन की अवधि में मान्य हो सकती है।
दूसरी दशा में जब कोई संरचना परिवर्तनशील या परिवर्तित होती है। कोई पूर्वकथन करना तब तक कठिन होता है जब तक हमें इस संरचना की विशेषताओं और होने वाले परिवर्तनों के संबंध में पूरा-पूरा ज्ञान न हो।

Predictor
व्याख्यात्मक चर
व्याख्यात्मक चर एक ऐसा प्रतिदर्श होता है जो किसी प्रेक्षित नमूने में दिए गए आँकड़ों का कोई फलन होता है।
यह फलन इस दिए गए नमूने के आधार पर प्रागोक्ति करने के लिए किसी नियम की व्याख्या करता है।
ऐसी प्रागोक्ति को व्याख्यात्मक चर के मान का परिणाम माना जाता है। कुछ व्याख्यात्मक चर अंतराल के रूप में और कुछ विशिष्ट बिन्दुओं के रूप में होते हैं।
इनमें से जिस चर के बारे में प्रागोक्ति की जानी होती है उसके वास्तविक प्रेक्षित मूल्यों का भी उल्लेख किया जाता है। इनका प्रयोग परिकल्पना परीक्षण या प्राचलों के आकलन में किया जाता है।
इस प्रतिदर्शज के प्रायिकता बंटन का पूर्णतः निर्देश किया जाता है तथा इस बात का स्पष्टतः उल्लेख किया जाता है कि किन अभिगृहीतों के अन्तर्गत परिकल्पना सत्य होगी। समाश्रयण विश्लेषण के अन्तर्गत किसी मॉडल की जाँच में ऐसे व्याख्यात्मक चर का बहुधा प्रयोग किया जाता है।

Pregnancy wastage
गर्भक्षय
गर्भक्षय का तात्पर्य प्रति 100 गर्भों के पीछे मृत, प्रसव, गर्भपात और गर्भस्राव की संख्या है।
इस दर को जनन क्षमता का परिकलन करने के लिए एक विशेष चर के रूप में दिखाया जाता है। यह दर विभिन्न सामाजिक स्तरों के व्यक्तियों के लिए अलग-अलग होती है।

Prervalence rate
वर्तमान रोग दर
एक निर्धारित समय पर किसी क्षेत्र या देश में किसी खास रोग से ग्रस्त कुल लोगों की संख्या और उस वर्ष की जनसंख्या का अनुपात वर्तमान रोग दर कहलाती है।
जनांकिकी अध्ययन के अन्तर्गत जन-स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम तैयार करने के लिए इस दर का विशेष महत्व होता है।

Preventive checks
कृत्रिम निरोध
इनते अंतर्गत ऐसे उपाय सम्मिलित होते हैं जो गर्भाधान को प्रभावित कर जनसंख्या की वृद्धि को रोकते हैं जैसे, संयम, संभोग स्थगन, बड़ी आयु में विवाह करना, गर्भ निरोध के उपाय आदि।

Primal programming
आद्य प्रोग्रामन
तुल∘ दे∘ (Linear programming)

Primary sterility
प्राथमिक बंध्यता
ऐसी स्त्रियाँ जो कभी गर्भवती न हुई हों 'प्राथमिक बंध्यता' की कोटि में आती हैं।
अनुमानतः इनकी संख्या कुल जनसंख्या के तीन प्रतिशत से साढ़े चार प्रतिशत तक आँकी गई है।

Principal minor
मुख्य उपसारणिक
किसी आव्यूह A32 में तीसरी पंक्ति और दूसरे स्तंभ को छोड़कर कलित किया गया उपसारणिक।
यदि सभी मुख्य उपसारणिक घनात्मक हों तो आव्यूह को घनात्मक निश्चित समघात (positive definite form) वाला कहा जाता है।
तुल∘ दे∘ minor तथा determinant

Probability
प्रायिकता
प्रायिकता से अभिप्राय उस संभावना से है जिसके अनुसार कोई प्रतिचयन किया जाता हैं।
यदि एक घटना m प्रकार से सफल हो सकती है और n प्रकार से (घटित होने में) असफल रहती है, जबकि ये सब प्रकार से समप्रायिक एवं परस्पर अपवर्जी हों, तब उस घटना की प्रायिकता m/(m+n) होगी।


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