किसी चर के मान या परिमाण में किसी दी हुई अवधि (period of time span) के अन्तर्गत परिवर्तन।
इसमें परिवर्तन दर की संकल्पना निहित है।
तुल∘ दे∘ stock concept
Foetal death
भ्रूण-मृत्यु
गर्भस्थ शिशु की माँ के पेट में मृत्यु को भ्रूण मृत्यु कहते हैं।
इस दशा में बच्चों में गर्भावस्था में ही जीवन के चिन्ह समाप्त हो जाते हैं और प्रसव के समय मृत शिशु ही जन्म लेता है।
इसमें गर्भस्राव, गर्भपात और मृत प्रसव तीनों सम्मिलित होते हैं।
Forecast
पूर्वानुमान
पूर्वानुमान का तात्पर्य किसी घटना अथवा व्यवहार के बारे में कोई ऐसा कथन करना है जिसका अभी तक कोई प्रेक्षण न किया गया हो।
इसमें यह अनुमान लगाते हैं कि भविष्य में स्वतंत्र चरों का मान बदलने पर आश्रित चर का क्या परिमाण होगा।
इसके मुकाबले आकलन में हम केवल किसी वर्तमान चर की भावी मात्रा ही आँकते हैं।
इस प्रकार के कथन प्रायः मात्रात्मक समीकरणों, असमिकाओं, बिन्दु अनुमान तथा अन्तराल अनुमान के रूप में किये जाते हैं। इनमें संख्याओं और गुणांकों का स्पष्टतः उल्लेख किया जाता है।
Frequency curve
बारंबारता वक्र
बारम्बारता बहुभुज के बिन्दुओं को मिलाने के लिए सरल रेखाओं के बजाय यदि एक निष्कोण वक्र हाथ से खींच दिया जाये तो जो चित्र बनता हैं उसे बारंबारता वक्र कहा जाता है।
चित्र 13 (DIAGRAM)
Frequency distribution
बारंबारता बंटन
मात्रात्मक वर्गीकरण की ऐसी विधि जिसमें प्रेक्षण तथा उनकी बारंबारता से निर्मित व्यवस्था को दिखाया जाता है।
ये प्रेक्षण प्रत्यक्ष माँग अथवा अन्तराल संख्याओं के रूप में हो सकते हैं। जितनी बार कोई प्रेक्षण या वर्ग अन्तराल घटित होता है उसे बारंबारता कहा जाता है।
इस बंटन को किसी फलन अथवा सारणी के रूप में दिखाया जाता है। ऐसे बंटन के मानों से आरेख भी खींचे जा सकते हैं तथा इनको बहुभुज के रूप में भी चित्रित किया जाता है।
Frequency polygon
बारंबारता बहुभुज
बारंबारता बहुभुज के आँकड़ों को प्रस्तुत करने की एक आलेखनीय विधि जिसकी रचना निम्न प्रकार से की जाती है:-
(1) वर्ग अन्तरालों के मध्य बिन्दुओं को क्षैतिज अक्ष पर अंकित किया जाता है।
(2) संगत बारंबारताओं को कोटियाँ मानकर ऊध्वधिर मापनी पर आलेखित किया जाता है।
(3) आलेखित बिन्दुओं को सरल रेखा द्वारा मिला दिया जाता है।
बारंबारता बहुभुज का एक चित्र नीचे दिया जाता है:—
चित्र (DIAGRAM)
Frictional unemployment
घर्षी बेरोज़गारी
ऐसी बेरोज़गारी जो व्यक्तियों के श्रम शक्ति या श्रमिक बल में प्रवेश करने या बाहर जाने के कारण पैदा होती है।
यह व्यक्तिगत समंजन या पुनर्समंजन के प्रयास की द्तयोक होती है तथा इसका औद्योगिकी परिवर्तनों या व्यवसाय चक्र के उतार-चढ़ाव अथवा उच्चावचन से कोई संबंध नही होता।
तुल∘ दे∘ structural unemployment
Full information estimation
पूर्ण सूचना आकलन
ऐसी विधि जिसमें अनेक प्रारंभिक प्रतिबंधों वाले मॉडल के प्राचलों के मान आकलित करने के लिए लघुगणकीय प्रसंभावना फलन को अधिकतम करते हैं, पूर्ण सूचना आकलन विधि कहलाती है।
यदि केवल कुछ प्रतिबंध ही काम में लाये जाएं तो इस विधि को सीमित सूचना आकलन विधि कहते हैं।
पूर्ण सूचना आकलन, सीमित सूचना आकलन से अधिक दक्ष होते हैं।
Full-information maximum likelihood model
पूर्ण सूचना अधिकतम संभाविता मॉडल
इसमॆं यह धारणा की जाती है कि () सादिशों मॆं क्रमिक स्वतंत्रता है तथा अन्तर्जात चरों की संभाविता () के मानों पर निर्भर है ।
अधिकतम संभानिता फलन को यों दिखाया जाता है :—
()
पूर्ण सूचना अधिकतम संभाविता मॉडल को आव्यूह के रूप में निम्न अनुसार लिखा जा सकता है:—
(FORMULA)
इसमें (FORMULA) आव्यूह जिसमें वर्तमान अंतर्जात चरों के गुणांक शामिल है।
(FORMULA) आव्यूह जिसमें पूर्व निर्धारित चरों के गुणांक शामिल है।
(FORMULA) के स्तंभ सदिश तथा G के अवयव हैं।
इसमें यह धारणा दी जाती है कि u सदिशों में क्रमिक स्वतंत्रता है तथा अंतर्जात चरों की संभाविता x के मानों पर निर्भर है।
अधिकतम संभाविता फलन यों दिखाया जाता है:-
(FORMULA)
Function
फलन
आश्रित व स्वतंत्र चरों के बीच एक निश्चित संबंध को दिखाने की विधि को फलन कहा जाता है।
जब स्वतंत्र चर के कुछ मान निर्दिष्ट किए जाते हैं तब प्रत्येक ऐसे मान के अनुरूप आश्रित चर के भी मान निर्धारित हो जाते हैं। इस प्रकार के संबंध को आश्रित तथा स्वतंत्र चर का फलन कहा जाता है।