ऐसा शेयर जिसके धारक को विभाज्य लाभों पर अग्रता के दावों के भुगतान का और सामान्य शेयरधारियों के बीच एक पूर्व-निश्चित प्रतिशत से लाभांश वितरित किए जाने के बाद, अतिरिक्त लाभ की स्थिति में, पुनः लाभांश पाने का, अधिकार होता है।
Particular average
विशेष बीमाक्षति, आंशिक बीमाक्षति
किसी दुर्घटना अथवा सामान्य समुद्री आपदा की वजह से जहाज़ पर लदे किसी सामान विशेष को होने वाली कुछ हानि अथवा क्षति। इस प्रकार की हानि में जहाज़ का मालिक और अन्य लदानकर्ता कोई अंशदान नहीं करते अपितु पूरा नुक़सान क्षतिग्रस्त माल के मालिक अथवा उसके बीमाकर्ता को ही भुगतना पड़ता है।
तुल. दे. general average
Partnership
साझेदारी, साझा
साझेदारी' उन व्यक्तियों के पारस्परिक संबंध को कहते हैं जिन्होंने किसी व्यवसाय के लाभ को आपस में बाँटने का समझौता किया है। यह व्यवसाय वे सभी व्यक्ति मिल कर चला सकते हैं अथवा सभी की ओर से कोई एक या कुछ साझेदार चला सकते हैं।
Passenger kilometer
यात्री किलोमीटर
परिवहन के संदर्भ में, विभिन्न आकलन करते समय काम में लाई जाने वाली एक मिश्रित इकाई। इसका सूत्र है -
यात्री किलोमीटर = यात्रियों की संख्या x यात्रा के किलोमीटर।
Patent
पेटेन्ट, एकस्व
सरकार और आविष्कर्ता के बीच संपन्न संविदा जिसके अंतर्गत आविष्कर्ता अपने आविष्कार का ब्यौरा सरकार को दे देता है और उसके बदले सरकार उसे एक निश्चित समय तक उसके अनन्य प्रयोग का अधिकार प्रदान कर देती है। निर्धारित समय बीत जाने के बाद वह आविष्कार सार्वजनिक संपत्ति मान लिया जाता है और तब उसका प्रयोग कोई नागरिक कर सकता है।
पेटेन्ट मंजूर करने का उद्देश्य आविष्कर्ता को अपने आविष्कार के सार्वजनिक प्रकटीकरण के लिए प्रोत्साहित करना है जिससे कि विज्ञान और उपयोगी कलाओं की प्रगति होती रहे।
Pawn
गिरवी
दे. pledge
Payee
आदाता, पानेवाला
वह व्यक्ति अथवा प्रतिष्ठान जिसे किसी चैक, ड्राफ्ट, रूक्के आदि का भुगतान लेना है।
Pay-in-slip
जमा पर्ची
बैंक में रक़म, चैक आदि जमा करने के लिए भरा जाने वाला एक पुर्जा जिसमें नक़दी अथवा चैक की कैफ़ियत आदि लिखनी होती है।
Payment in due course
यथावधि अदायगी, यथासमय अदायगी
परक्राम्य प्रपत्र की परिपक्वता-तिथि पर उसका भुगतान करना।
Pegging
अधिकीलन
किसी प्रतिभूति, वस्तु अथवा मुद्रा आदि की क़ीमत को आधिकारिक रूप से स्थिर कर देना। इसके दो उपाय हैं। एक तो यह है कि सक्षम प्राधिकारी अपने आदेश से क़ीमत तय कर दे और उसमें किसी परिवर्तन की अनुमति न दे। दूसरे, एक क़ीमत की घोषणा कर दी जाए और खुले बाज़ार में जब भी उसमें घट-बढ़ हो तो सक्षम प्राधिकारी घोषित क़ीमत पर उसकी स्वयं ख़रीद-बेच प्रारंभ कर दे जिससे बाज़ार-भाव फिर स्तर पर लौट आए।