एकशब्दीय पद
वह पद जिसमें केवल एक शब्द होता है, जैसे मनुष्य, राम इत्यादि।
Simplicity, Principle Of
लाघव सिद्धांत, सरलता (का सिद्धांत)
वह सिद्धांत जिसके अनुसार किसी घटना की व्याख्या या स्पष्टीकरण के लिये इकाइयों की संख्या न्यूनतम होनी चाहिए।
Sin
पाप
धर्म, नीति, परम्परा और समाज के विपरीत किया गया कर्म।
Sine-Qua Non
अपरिहार्य
वह आवश्यक और अपरिहार्य गुण जिसके बिना कोई वस्तु, वह वस्तु नहीं है।
Single General Proposition
एक परिमाणक सामान्य प्रतिज्ञप्ति
प्रतीकात्मक तर्कशास्त्र में, वह सामान्य प्रतिज्ञप्ति जिसमें केवल एक परिमाणक हो, जैसे `सभी कुत्ते पशु हैं`। ('एकपरिमाणक' प्रतिज्ञप्ति वही है जो पारंपरिक तर्कशास्त्र में 'सरल प्रतिज्ञप्ति' है।)
Singular Proposition
एकव्यापी प्रतिज्ञप्ति
वह प्रतिज्ञप्ति जिसका उद्देश्य-पद एकवाचक हो अर्थात् जो एक व्यष्टि के बारे में हो, जैसे `शंकर एक महान् दार्शनिक है`।
Slothful Induction
मिद्ध आगमन
आगमनिक तर्क का एक दोष जो तब होता है जब प्रमाणों पर आधारित निष्कर्ष की प्रसंभाव्यता की मात्रा को कम आँका जाता है, जैसे एक विशेष प्रतियोगिता-परीक्षा में दस बार फेल होने के बाद ग्यारहवीं बार पास होने की आशा से बैठने के लिए यह कहने वाले प्रत्याशी के कथन में कि वह तो संयोग से फेल हुआ था।
Social Contract Theory
सामाजिक अनुबन्ध सिद्धांत
लॉक, हाब्स, रूसो का वह सिद्धांत जिसके अनुसार सभी सामाजिक संस्थायें नैसर्गिक न होकर सामाजिक समझौते पर आश्रित होती हैं।
Social Sanction
सामाजिक अनुशास्ति
व्यक्ति को नैतिक नियमों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करने वाली इस प्रकार की बातें, जैसे समाज के द्वारा निंदित होने का, जाति-बहिष्कृत इत्यादि होने का भय, प्रशंसा पाने की आशा इत्यादि।
Socratic Method
सुकरातीय विधि
सुकरात द्वारा ज्ञान की प्राप्ति हेतु प्रतिपादित प्रश्नोत्तर की विधि। उक्त विधि में यह पूर्वमान्य है कि ज्ञान मूलतः मनुष्य में अन्तर्निहित है, उसे केवल उद्धाटित करना है।