द्रव्यकल्प-मन-सिद्धांत
सी. डब्ल्यू. मॉरिस के अनुसार, वह सिद्धांत कि यद्यपि मन स्वयं एक द्रव्य नहीं है तथापि इसमें द्रव्य की विशेषताएँ विद्यमान हैं।
Substratum
अधिष्ठान
वह जिसमें गुण समवेत रहते हैं; गुणों का आधार; द्रव्य। अरस्तू के दर्शन में पुद्गल, जो कि आकार के मूल में रहता है; अथवा ठोस वस्तु जो गुणों को धारण करती है।
Sufism
सूफीमत, सूफीवाद
इस्लाम की कट्टरता के विरोध-स्वरूप बाह्य (ईसाई और हिंदू) प्रभाव से उसके अन्दर विकसित एक रहस्यवादी आंदोलन। इसमें इन्द्रिय-निग्रह, त्याग, दारिद्र्य, धैर्य तथा आस्था मुख्य गुण हैं जो ईश्वर-प्राप्ति के लिए आवश्यक माने गए हैं।
Summum Bonum
निःश्रेयस्, परमार्थ, परम शुभ, परम हित
मनुष्य का वह नैतिक लक्ष्य जो सर्वोच्च है, जिससे अधिक श्रेयस्कर कुछ हो नहीं सकता, जो मानवीय प्रयत्न का सबसे बड़ा साध्य है। विभिन्न विचारकों ने सुख, आत्म-सिद्धि, शक्ति इत्यादि विभिन्न मूल्यों को सर्वोच्च साध्य माना है।
Summum Genus
पराजाति, सर्वोच्चवर्ग
तर्कशास्त्र में, वह वर्ग जिससे बड़ा कोई वर्ग नहीं हो सकता या जो किसी भी वर्ग का उपवर्ग नहीं बन सकता, जैसे पॉरफिरी (Porphyry) के विभाजन में, सत्ता।
Superman
अतिमानव
नीत्शे एवं श्री अरविन्द आदि के दर्शन में, उस जाति के लिए प्रयुक्त शब्द जो वर्तमान मनुष्य-जाति से श्रेष्ठ होगी और जो विकास क्रम का लक्ष्य भी है।
Supernaturalism
अतिप्रकृतिवाद
ऐसी शक्तियों के अस्तित्व में विश्वास जो प्रकृति और उसके नियमों के बंधन से ऊपर हैं तथा विश्व की उत्पत्ति इत्यादि के कारण हैं।
Syllogism
न्यायवाक्य
व्यवहित अनुमान का एक प्रकार जिसमें निष्कर्ष दो आधारवाक्यों से संयुक्त रूप से निकलता है।
उदाहरण : सभी मनुष्य मरणशील हैं; }
सुकरात एक मनुष्य है; } (आधारवाक्य)
∴ सुकरात मरणशील है। (निष्कर्ष)
Syllogistic(S)
न्यायवाक्यीय
तर्कशास्त्र की वह शाखा जो न्यायवाक्य का वर्णन-विवेचन करती है।
Symbolic Logic
प्रतीकात्मक तर्कशास्त्र
पारंपरिक आकारपरक तर्कशास्त्र को आधुनिक तर्कशास्त्रियों के द्वारा दिया गया रूप, जिसमें साधारण प्रयोग की भाषा की अस्पष्टता, अनेकार्थकता और अपर्याप्तता से बचने के लिए गणित की प्रतीकात्मक भाषा का प्रयोग किया जाता है।