उपजातिगत अनागन्तुक
वह गुण जो आकस्मिक न हो और केवल संबंधित उपजाति में ही पाया जाता हो, अर्थात् व्यावर्तक (differentia) का अंश या परिणाम हो।
Specific Property
उपजातिगत गुणधर्म
वह गुणधर्म जो उपजाति के गुणार्थ का परिणाम होता है, जैसे समद्विबाहु त्रिभुज के दो कोणों के बराबर होने की विशेषता जो कि त्रिभुज के गुणार्थ का नहीं बल्कि उसकी दो भुजाओं के समान होने का परिणाम है।
Speculative Philosophy
परिकल्पनात्मक दर्शन
समीक्षात्मक दर्शन के विपरीत, दर्शन का वह प्रकार जिसमें संप्रत्ययों का परीक्षण और विश्लेषण करने वाली आलोचनात्मक बुद्धि की अपेक्षा कल्पना-शक्ति से अधिक काम लिया जाता है।
Spirit
आत्मा, चित्
1. चेतन तत्त्व 2. मृत्यु के उपरांत अवशिष्ट चित् तत्व 3. विश्व को अनुप्राणित करने वाले अग्नि सदृश तत्व (स्टोइक)।
Spiritualism
1. आध्यात्मवाद : भौतिकवाद के विपरित, वह सिद्धांत कि अंतिम सत्ता आत्मा है जो समस्त विश्व में व्याप्त है, अथवा वह कि विश्व में ब्रह्म और आत्माओं के अलावा कुछ भी नहीं है।
2. प्रेतवाद : वह विश्वास कि प्रेतात्माएँ होती हैं और वे 'माध्यमों' के द्वारा अथवा अन्यथा जीवित लोगों के साथ संपर्क कर सकती हैं।
Square Of Opposition
विरोध वर्ग
पारंपरिक तर्कशास्त्र में, प्रतिज्ञप्तियों के पारस्परिक विरोध संबंधों को दर्शाने वाली वर्गाकृति।
चित्र -
देखिए `contrariety`, `contradiction`, `sub-contrariety`, `subalternation`।
Stacking The Deck
एकांगी बलन (दोष)
पदाघात-दोष का एक प्रकार जो तथ्यों का एकपक्षीय चयन करके इष्ट प्रभाव उत्पन्न करने में प्रकट होता है, जैसे महत्त्वहीन बातों पर जोर देकर किसी नाटक या कृति की आलोचना करने में अथवा केवल प्रतिकूल बातों को प्रस्तुत करके किसी के चरित्र को नष्ट करने में।
देखिए `fallacy of accent`।
Statement
कथन
वह वाक्य जो विध्यात्मक या निषेधात्मक हो, और जो सत्य या असत्य हो।
Stipulative Definition
स्वनिर्मित परिभाषा
वह परिभाषा जिसमें नये शब्दों का प्रयोग किया गया हो अथवा पुराने शब्दों को स्वेच्छा से नया अर्थ प्रदान किया गया हो।
Strengthened Syllogism
अतिबल न्यायवाक्य
वह न्यायवाक्य जिसमें एक आधारवाक्य आवश्यकता से अधिक बल वाला होता है, अर्थात् अंशव्यापी निष्कर्ष को प्राप्त करने के लिए, आधारवाक्य का अंशव्यापी होना पर्याप्त है। जबकि वह सर्वव्यापी है। जैसे : चतुर्थ आकृति में ब्रामान्टीप (Bramantip)।