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Definitional Dictionary of Petrology (English-Hindi)
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idioblastic
स्वब्लास्टिक, पुनःस्वक्रिस्टली : आग्नेय शैलों में स्वरूपी गठन के अनुरूप, कायान्तरी शैलों में पाया जाने वाला एक प्रकार का गठन जिसमें खनिज-क्रिस्टल अपने अभिलक्षणिक फलकों से युक्त होते हैं ।

idiomorphic
स्वरूपिक, स्वरूपी : देखिए 'automorphic'

igneous
आग्नेय : शैलों के तीन बृहत वर्गों में से उस वर्ग के शैलों के लिए प्रयुक्त एक शब्द जो गलित शैलों (मैग्मा) के पिंडन से बनते हैं ।

igneous lamination
आग्नेय स्तरण : वितलीय (plutonic) शैलों में सपाट क्रिस्टलों का समानान्तर विन्यास जैसा कि प्रायः स्तरित जटिल शैल-संघों में देखा जाता है ।

igneous rocks
आग्नेय शैल : गलित मैग्मा के पिंडन (जमने) से निर्मित शैल ।

illite
इलाइट : मृणमय अवसादों में पाया जाने वाला एक खनिज वर्ग जिसमें मस्कोवाइट की क्रिस्टल संरचना अनिवार्य रूप से मिलती है ।

imbricate structure
अन्तर्ग्रथित संरचना, खपरैली संरचना : खण्डज (clastic) अवसादों में प्रदर्शित एक ऐसी संरचना जिसमें संगुटिकाश्म अथवा गुटिकाएं (pebble) एक दूसरे के ऊपर खपरैलों की तरह स्थित रहती हैं ।

impact metamorphism
प्रतिघात कायांतरण : उल्कापिण्डीय प्रतिघात से उत्पन्न कायान्तरण ।

impervious
अप्रवेश्य : अपारगम्य का समानार्थी । यह शब्द उन शैल स्तरों के लिए प्रयुक्त होता है (जैसे मृत्तिका, शेल आदि) जिसमें से होकर जल, पैट्रोलियम या प्राकृतिक गैस गुजर नहीं सकते ।

impervious rock
अप्रवेश्य शैल : इस शब्द का प्रयोग जलविज्ञान में होता है, अप्रवेश्य शैल वे शैल होते हैं जिनके आरपार अधस्तल जल में आमतौर पर पाए जाने वाले दाबों और अवस्थाओं में जल व अन्य द्रव नहीं गुजर सकते । अप्रवेश्य शैल दो प्रकार के हो सकते हैं-सरंध्र शैल जैसे मृत्तिका अथवा असरंध्र शैल जैसे कोई संहत ग्रेनाइट । प्रथम स्थिति में छिद्र इतने छोटे होते हैं कि उनमें से पानी अति मंद केशिका-विसर्पण के अतिरिक्त आरपार गुजर नहीं सकता । पारगम्यता की दृष्टि से यद्यपि छिद्र आवश्यक हैं परन्तु वे काफी बड़े साइज के और परस्पर सम्बद्ध होने चाहिएं ताकि द्रवों को संचलन के लिए मुक्त और अविच्छिन्न मार्ग मिल सके ।


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