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Mundari Muhavara Kosh

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जी ओम
गोएः न / गोजेन।
हक नगेन होड़ो जी ओमो काको बोरोएअ।
जान देना
मरना।
हक के लिए आदमी अपने जान की भी परवाह नहीं करते।

जी का नम
जी रड़ेः का नम।
जी न पाना
चैन न पाना।

जी का बराबरिः
जी तारेनारेओ।
कुलगिया अपन-अपन तअः रेम तइन जन रे जी का बराबरिः गे टोरोःअ।
चैन न लगना
मन में चिंता रहना।
पति-पत्‍नी अलग-अलग जगह पर रहने से मन में चैन नहीं रहता है।

जी का बेस
जी रे उड़ुः तइन।
जी का बेसतन रे जेतन कमि का अङगवा।
मन दुःखी रहना
मन में चिन्ता रहना।
जब मन दुखी रहता है तो किसी काम में मन नहीं लगता है।

जीओ का जीअ
कमि गोएः न।
जरगि दिन खिति कमि होड़ो जीओ काको जी अः कमि रअः कमि रेगे को तइना।
जी को जी न समझना
खूब खटना।
बरसात के समय खेतिहर अपने जी को जी नहीं समझते, वे केवल काम में ही लगे रहते हैं।

जी कुरूद्-कुरूद्
जी कुरूइञ् कुरूइञ्।
कुलगिया रअः कपाजि तेओ जी कुरूद् कुरूद् तन ठोरोःअ।
मिजाज बिगड़ना
मन बिगड़ना।
पति-पत्‍नी के आपसी झगड़े से भी मिजाज बिगड़ता है।

जी केटेः
सातिङ।
जी लाअः। दिकु कुड़िकोअः जी रे मियदो केटेः का तइना, मिद् चोकोएः हसु रेगे, हुलअः गुंगु लेका को रिकाना।
मन कठोर करना
धीरज धरना।
अन्य जाति की महिलाओं में मन को कटोर करने की क्षमता नहीं रहती है। थोड़ा सा कुछ हो जाने पर टूटे हुए गुंगु की तरह उनका शरीर टूट जाता है।

जी खतिर
जी पोरतोएः / जी पदरसिङ।
मंडि ते हेवाकन होड़ोको लद् ते जी खतिर काको ठोरेया।
मन भरना
मन संतुष्ट होना।
जो भात खाने के आदी होते हैं रोटी खाने से उनका मन भरता नहीं है।

जी खंइसावोः
जी खदरावो / जी एसेदोः।
खिति बंचव ओड़ोः जी बंचव रअः मुसकिल लेल ते बिर दिसुम रे तइन जी खंइसव गे ठोरोःअ।
मन खिसियाना
मन कुपित होना।
फसल रक्षा और प्राण सुरक्षा की मुश्किलों को देखते हुए जंगल राज में रहने से मन खिसिया जाता है।

जी खींसिओः
जी खदरावोः।
जी खींसिअकन रे जांनअः गे उड़ुगोःअ ओड़ोः मोचा तेओ जांनअः गे उड़ुङोःअ।
मन खिसियाना
मन कुपित होना।
खिसियाल रहने पर मन में व्यर्थ की बातें ही आती हैं और मुँह से भी व्यर्थ की बातें ही निकलती हैं।


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