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Mundari Muhavara Kosh

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जी रे
मोन रे।
ओकोएअः जी रे चिनअः मेनअः जेताए काएः कजि धड़िअः ?
जी में
मन में।
किसके जी में क्या है ? कोई नहीं कह सकता है।

जी रे असराएः
मोन रे असराएः।
सयद् अउरि टुंडुइ बारि दो हसुतन होड़ोअः जी रे असराएः तइन गेअ।
जी में आस रहना
मन में आसरा रहना।
जब तक मरीज का सांस रूक नहीं जाता है तब तक (उसके बचने की) मन में आस रहती ही है।

जी रे उड़ुगोः
जी रे विचारोः।
जे लेका जी रे उड़ुगोः अ से लेका गे मोचा ते उड़ुङोः अ।
मन में विचार आना
मन में सोच आना।
मन में जो विचार आता है वही मुँह से निकलता है।

जी रे विचार
जी रे उड़ुः।
जी में विचार करना
मन में विचार करना।

जी रे का सोअब
मोन रे का सोअब्।
मन में न समाना
मन में न अटना।

जी रे खंइसव बोलो
मोन रे खदरवोः।
मन में गुस्सा आना
मन में क्रोधित होना।

जी रे जी का नमे
जी रे सलसांत का नमे।
मन में चैन न पाना
मन में अशांति महसूस करना।

जी रे जोगव
जी रे दो।
खींसि जी रे जोगव समा रोअ।
जी में रखना
याद रखना।
गुस्सा जी में रखना व्यर्थ है।

जी रे दउड़व
जी रे उड़ुः पहम।
मन में दौड़ाना
मन में चिन्तन मनन करना।

जी रे दुब्
पसिंदिओः।
मन में बैठना
पसंद आना।


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