लेसित स्तम्भ
तिरछी छडों से बद्ध कई अवयवों से निर्मित स्तम्भ।
Lagging
वेष्ठन
सुरंग, खाई आदि में पत्थर या मिट्टी आदि की गिरने से बचाने के लिए मुख्य टैकों पर बिछी लकड़ी, तार की जाली, नालीदार लोहे की चादर इत्यादि।
Lamella root
लमेला छत
नट बोल्ट से या अन्यथा हीरक प्रतिरुप में जुड़े, कंक्रीट, लकड़ी अथवा धातु के अवयवों से बना अधिक विस्तृति वाला चाप छद या गुम्बद।
Laminar flow
स्तरीय प्रवाह
किसी वाहिका विशेष में किसी द्रव के बहाव की वह चाल जिससे नीचे सदा शांत प्रवाह ही हो और जिसके ऊपर प्रवाह चाहे शांत हो अथवा विक्षुब्ध हो।
Lamp hole
दीपछिद्र
मलक नल के ऊपर केन्द्रित ऊर्ध्वाधर ईषा जिससे इसमें से किसी एक दीप को नीचे रज्जु पर लटकाया जा सकता है। इसके पश्चात् मेनहोल के पास खड़ा कोई व्यक्ति यदि मलक नल में से दीप के ओर देखे तो वह यह देख सकता है कि बहाव में कोई अवरोध तो नहीं है या मलक नल में ही कोई दोष तो नहीं है।
Land accretion
भूमि अभिवृद्धि
समुद्र अथवा दलदल से भूमि प्राप्ति। इसकी सबसे सस्ती विधि, जो कि कई सौ साल पहले हॉलैण्ड में अपनाई गई थी, यह है कि साद निक्षेपण को बढ़ावा देने के लिए सरकंडे या अन्य समुद्रीय पौधों को बोया जाए। दूसरी विधि यह है कि निकर्षित मिट्टी या अन्य पदार्थ को एक परिबद्ध क्षेत्र में डालते जाएँ और जल को पम्प द्वारा निष्कासित करें।
Land sliding
भूस्खलन
वर्षा अथवा किसी नई इमारत के कारण भार की वृद्धि से ढाल पर मृदा का नीचे की ओर धँसना।
Laterite
लैटेराइट
यह भूरे लाल रंग की एक कायांतरी मृण्मय शैल है जो कि एक बलुई मृत्तिकाश्म है जिसमें आयरन ऑक्साइड प्रतिशतता अधिक होती है।
प्रयोग से पहले इसका संशोधन आवश्यक है। यह निर्माण कार्य में ऐसे स्थानों पर उपयुक्त है जहाँ इस पर जल क्रियाशील होऔर भार अत्यधिक हो। इसको भवन निर्माण व सड़क की गिट्टी आदि बनाने के लिेए भी प्रयोग किया जाता है।
Laterite soil
लैटेराइट मृदा या लैटोसॉल
मृदा का एक क्षेत्रीय समूह जिसमें सबसे ऊपर बहुत महीन जैव और जैव खनिज की परतें होती हैं जिसके नीचे लाल निक्षालित मृदा होती है और इस मृदा के नीचे काफी अधिक अपक्षीण मृदा रहती है। इसमें जलीय एलुमिना या आयरन ऑक्साइड या दोनों की प्रचुरता होती है और सिलिका की मात्रा बहुत कम होती है। प्रायः इसका रंग गहरा लाल होता है।
Law of large numbers
बृहत संख्या सिद्धांत
प्रतिदर्श की संख्या जितनी अधिक होगी उसके प्रतिदर्शों के औसत मान में और उपस्थिति की आवृत्ति प्राथमिकता में भिन्नता उतनी ही कम होगी। बृहत संख्या का सिद्धांत समकारी प्रभाव से अधिक अपने अभिभूतिक प्रभाव के कारण कार्य करता है। बृहत संख्या के सिद्धांत से एक, स्वतंत्र, मापों की बड़ी संख्या का औसत मान अधिक सही होगा और इसलिए उसकी विश्वस्तता किसी मात्रा, किसी एक माप अथवा कम संख्या के मापों के औसत मान से अधिक होगी।