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Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

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अंगुश्त करना
लांछित करना
दूसरों को अंगुश्त करने से पहले अपने गरेबान में मुंह डालकर देख लेना चाहिए।

अंगूठा चटाना
तुच्छ समझाना
पांव को चाट-चाट जो जीये हैं अंगूठा हमें चटाते वे (बोल.-हरिऔध, 152)

अंगूठा चूमना
खुशामद करना
जो अंगूठा हैं हमें दिखला रहे क्यों अंगूठा हैं उन्हीं का चूमते (चुभते.-हरिऔध, 87)।

अंगूठा चूमना
अधीन होना

अंगूठा चूसना
बड़े होकर भी बच्चों का-सा काम करना
तुम सारी जिन्दगी अंगूठी ही चूसते रहना

अंगूठा दिखाना, अंगूठा बताना
किसी वस्तु को देने या कोई काम करने से साफ इनकार कर देना।
घूंघट ओट चितै घनआनंद, चोट बितै अंगुठाहि दिखावै (घन. कवित्त-घना., 190); बस मैं प्रेम का चकमा देकर सरस्वती से अपना काम निकाल लूंगा और फिर उसे अंगूठा दिखलाकर अलग हो जाऊंग (मा. मा. (1)- कि. गो. 53-54); आप राजा साहब से रुपए लेकर तिजोरी में रखते और मुझे अंगूठा दिखा देते (गोदान-प्रेमचंद, 236)।

अंगूठा नचाना
चिढ़ाना
क्यों अंगूठा नचा रहे हो बेटा?

अंगूठा बताना
दे. अंगूठा दिखाना

अंगूठा मारना, अंगूठे पर मारना
तुच्छ समझना, उपेक्षा करना
हंह, मैं ऐसी साड़ियों को अंगूठे पर मारती हूं, हटाओ इन्हों।

अंगूठा-छाप लगाना
स्वीकार करना या होना, सहमत होना
अब मैया ने अंगूठा-छाप लगा दी है, तुम आराम से जाने की तैयारी करो।


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