logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

Please click here to read PDF file Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

खें प्यासी होना
देखने की उत्कट इच्छा होना।
अंखियां हरि दरसन की प्यासी (सू. सा.-सूर, 4176)

खंक होना, खंग होना
दुर्बल होना।
क्या बात है आजकल बहुत खंक हो रहे हो।

खंक होना, खंग होना
हलका होना।
यह लोटा तो बड़ा खंक है।

खंक होना, खंग होना
लालची या भुक्खड़ होना।
बड़ा खंक है यह आदमी।

खंग होना
दे. खंक होना।

खंगर लगना
कमज़ोरी या सूखने का रोग होना।
तुम्हें खंगर लगा है तो उसका इलाज तो करवाना चाहिये तुम्हें।

खंगाल डालना
चोरी से मार डालना।
सिपाहियों ने चुपके से तंबू में घूसकर सेनापति को खंगाल डाला।

खंगाल ले जाना
सब कुछ ले जाना।
कल रात चोर मेरे धर में घुसकर सब खंगाल ले गये।

खंजन देखना
शुभ शकुन होना।
आज खंजन देखा है कुछ अच्छा घटना चाहिये।

खंड-खंड करना
चकनाचूर कर देना, नष्ट कर देना।
शंकर देव ने मेरी सारी आशाओं को खंड-खंड कर दाय।


logo