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Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

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ऋण उतरना या उतारना
कोई बोझ उतरना या उतारना कर्ज़ अदा होना या करना।
जब तक ऋण नहीं उतरेगा तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।

ऋण करना, ऋण काढ़ना
कर्ज लेना ।
रिनि काहू कर लीन्हेस काढ़ी । मकु तहँ गएं होइ किछु बाढ़ी (पद . जायसी , 7/1) पर छत्रिय का तो धर्म नहीं कि किसी के आगे हाथ पसारे , फिर ऋण काढ़े( भा . ग्रं( 1) भारतेन्दु , 283)

ऋण काढ़ना
दे. ऋण करना।

ऋण खाना
दे. ऋण करना।

ऋण घना होना
कर्ज़ बढ़ना।
मेरा ऋण दिन पर दिन घना होता जा रहा है। क्या करूँ, समझ में नहीं आता।

ऋण चढ़ना या चढ़ाना
कर्ज़ बढ़ना या बढ़ाना।
रोज़ ऋण चढ़ा जा रहा है, कैसे छुटकारा मिलेगा, पता नहीं।

ऋण चढ़ना या चढ़ाना
आभार बढ़ना या बढ़ाना।
आपके इस चढ़ते हुए ऋण को मैं कभी भी नहीं चुका सकूँगा।

ऋण पटना या पटाना
कर्ज़ चुकना या चुकाना।
जल्दी से ऋण पट जाय तो मुझे मुक्ति मिले।

ऋण मढ़ना, ऋण लादना
किसी के जिम्मे कर्ज़ छोड़ जाना।
बाबूजी तीन हज़ार कर्ज़ मढ़ गये हैं। मैं इसे कभी चुका भी पाऊँगा या नहीं, कह नहीं सकता।

ऋण लादना
दे. ऋण मढ़ना।


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