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Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

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इंगित करना
बातों-बातों में किसी काम या बात की ओर ध्यान आकृष्ट करा देना।
मैने कई बार इंगित किया पर उनकी समझ में न आया तो क्या करूँ।

इंगित पर नाचना
दे. इशारों पर चलना।

इंच जाना
निकल जाना।
देखना, पूरा ज़हर इंच जाय।

इंचे-इंचे रहना
खिंचे-खिंचे रहना।
न जाने क्यों यह इससे इंची-इंची रहती है।

इंतज़ार खींचना
इंतज़ार करना।
आज जीवन में पहला अवसर था कि मुंशी जी को इतनी इंतज़ार खींचनी पड़ी (मान. (8) - प्रेमचंद, 204)।

इंद्र का अखाड़ा
खूबसूरत लड़कियों का दल।
एक हो तो बोलूँ, दो हो तो बोलूँ, चार निकाह तक तो जायज हैं, मगर जब इन्द्र का अखाड़ा पीछे पड़ जाय तो क्या करूँ? (आज़ाद.-प्रेमचंद, 433)।

इंद्र का अखाड़ा
खूब सजा हुआ मकान जहाँ राग-रंग हो रहा हो।

इंद्र का आसन डोलना, इंद्र का आसन हिलना
अपनी सत्ता एवं अधिकार केप्रति आशंकित होना, स्थिति डावाँडोल होना।
तो कहने का मतलब यह कि आखिर इन्द्र का आसन भी डोल ही गया।

इंद्र का आसन हिलना
दे. इन्द्र का आसन डोलना।

इंद्र की परी
बहुत खूबसूरत ।
असल में उन्होंने लेना चाहा पढ़ाई और खूबसूरती के रौब में, सो ऐसी राजा इन्दर की परो भी नहीं लगीं (सार.-यादव, 40)।


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