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Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

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आंक छोड़ना, आंक डालना
निशान लगाना।
इन सब कपड़ों पर आंक डाल दो।

आंक डालना
दे. आंक छोड़ना।

आंक पड़ना
प्रभाव पड़ना।
इतने दिनों मामा के साथ रहकर आया है, उनकी आंक तो पड़ती ही।

आंका हुआ सपना
कल्पना.
मेरा आंका हुआ सपना धूलिसात् हो गया, सारी भावना नष्ट हो गयी।

आंख (आंखें) अंगार होना
गुस्से से आंख लाल होना।
शिवाजी की आंखें अंगार हो गयी, नथने फड़कने लगे।

आंख (आंखें) अटकना या अटकाना
प्रेम होना या करना।
रूप राशि उस नव ललना से आंखें बरबस जा अटकीं।

आंख आंजने को भी नहीं
आंख में लाली, सूजन और पीड़ा होना।
आंख पानी के वहे है वह गई, आंख आये आंख ही जाती रही (बोल.-हरिऔध, 34)।

आंख (आंखें) आसमान में टंग जाना
आसमान की ओर देखना।
तभी ऊपर आकाश में कुछ पक्षियों का झुंड उड़ता गुज़र गया। उसकी आंखें आसमान में टंग गईं (कम.-कम., 121)।

आंख (आंखें) उघारना
सचेत होना।
जिन्होंने नहीं आंख अब तक उघारी (चुभते.-हरिऔध, 187)।

आंख (आंखें) उघारी रहना
प्रतीक्षा में पलक न लगना।
भरि गई बिरह बयारि दरस बिनु, निसिदिन रहतिं उघारी (सू. सा. सूर, 4188)।


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