logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

Please click here to read PDF file Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

अंचल लेना
आंचल से मुंह ढंक लेना।
रुद्र कौ दैखि के मोहिनी लाज करि, लियो अंचल, रुद्र तब अधिक मोह्यों (ब्र. सू. को.)।

अंचल से बंधना
विवाह होना
मैं स्वयं इनके अंचल से बंधी (दूधगाछ-दे. स., 85)।

अंछर पढ़कर मारना, अंछर मारना
जादू करना
बहू ने तो ऐसा अंछर पढ़कर मारा है कि बेटा और किसी ओर नजर ही नही डालता। (÷)

अंछर पढ़कर मारना, अंछर मारना
वश में कर लेना
दे. प्रयोग 1(÷)

अंछर मारना
दे. अंछर पढ़कर मारना

अंजन बना लेना
बहुत प्रिय बना लेना
मेरी बेटी को तो ससुराल वालों ने अंजन बना लिया है।

अंजन लगाने को भी नहीं
तनिक भी नहीं
दूध-घी अंजन लगाने तैक को तो मिलता नहीं, पाठे होंगे। (गोदान-प्रेमचंद, 6)

अंजर-पंजर ढीला करना या होना
खूब मारना या मार खाना
मकतबखाने में जाता हूं, तो खौफ है, कहीं लौंडे रोज की कसर न निकालें और अंजर-पंजर ढीले कर दें (आजाद. प्रेमचंद, 6 3)।

अंजर-पंजर ढीला करना या होना
बुरा हाल करना या होना
कुर्सी-टेबुलों का तो अंजर-पंजर ढीला हो गया है।

अंजर-पंजर ढीला करना या होना
बहुत थकना
मैं सुबह साढ़े चार बजे से काम में जुटा हूं। मेरे अंजर-पंजर ढीले हो रहे हैं, मुझे थोड़ा आराम कर लेने दो।


logo