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Definitional Dictionary of Philosophy (English-Hindi)
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Theosis
ईश्वरापत्ति जीवात्मा का परमात्मा में लय हो जाने की अवस्था।

Theosophy
ब्रह्मविद्या, देवविद्या सामान्यतः कोई भी ऐसा दर्शन जो योग इत्यादि गुह्यतंत्रों या अंतःप्रज्ञा के द्वारा ईश्वर के साक्षात्कार में विश्वास करता है। विशेषतः मैडम ब्लावेट्स्की, एनी बीसेन्ट तथा कर्नल ऑलकॉट के नेतृत्व में चलाए गए एक समसामयिक आंदोलन का नाम, जो मुख्य रूप से हिंदूधर्म की लोकप्रिय धारणाओं का और योगियों, महात्माओं और संतों की साधन-पद्धति का समर्थन करता है।

Thesis
पक्ष 1. अरस्तू के अनुसार, वह प्रतिज्ञप्ति जो पहले से सिद्ध न की गई हो और किसी न्यायवाक्य में एक आधारवाक्य के रूप में प्रयुक्त हो। 2. कांट के अनुसार दो विप्रतिषेधात्मक प्रतिज्ञप्तियों (antinomy) में से वह जो विधानात्मक हो (जेसे, `विश्व अनादि है `और` विश्व अनादि नहीं है` में से प्रथम)। 3. हेगेल के अनुसार, द्वंद्वात्मक प्रक्रम का पहला चरण; विचार के विकास की सबसे अपूर्ण अवस्था। देखिए `antithesis`। 4. मत अथवा विचारधारा।

Thing-In-Itself (Germ, Ding-An-Sich)
वस्तु-निजरूप कांट के दर्शन में वस्तु का वह वास्तविक या यथार्थ स्वरूप जो हमारे ज्ञान से परे रहता है। कांट की मान्यता है कि वस्तु का ज्ञात स्वरूप हमारी बुद्धि के प्रागनुभविक प्रत्ययों का आरोपण है।

Thnetopsychite
देहात्मपुनरुज्जीवनवादी इस सिद्धांत को माननेवाला व्यक्ति कि शरीर के विनाश के साथ ही आत्मा का भी अंत हो आता है तथा शरीर के पुनरुज्जीवित होने पर (ईसाई, यहूदी और मुस्लिम धर्म के अनुसार) आत्मा भी पुनरुज्जीवित हो जाती है।

Thought-Transference
मनःपर्याय देखिए `telepathy`।

Too Narrow Definition
अव्याप्त परिभाषा वह दोषयुक्त परिभाषा जिसमें परिभाष्य पद के गुणार्थ के साथ कोई वियोज्य आकस्मिक गुण भी शामिल कर दिया जाता है और फलतः उसका वस्त्वर्थ घट जाता है। उदाहरण : `मनुष्य एक सभ्य विवेकशील प्राणी है` (यह परिभाषा सभी मनुष्यों पर लागू नहीं होती)।

Too Wide Definition
अतिव्याप्त परिभाषा वह दोषयुक्त परिभाषा जिसमें पूरा गुणार्थ नहीं बताया जाता और फलतः जो परिभाष्य पद के वस्त्वर्थ को अनुचित रूप से बढ़ा देती है, जैसे 'मनुष्य एक प्राणी है' (इसमें विवेकशीलता को छोड़ दिया गया है, जिससे कुत्ते-बिल्ली भी 'मनुष्य' हो जाते हैं।

Traditionalism
परंपरावाद सामान्यतः परंपरागत विचारों, आचारों आदर्शों और मूल्यों के अनुसरण में विश्वास। विशेषतः उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में फ्रांस में प्रचलित वह विचारधारा की सत्य की खोज व्यक्ति की सामर्थ्य से परे है, वह केवल परंपरा में ही सुलभ है।

Traducianism
देहात्मसहजननवाद वह मत कि आत्मा तथा शरीर की उत्पत्ति एक साथ माता-पिता की आत्माओं से होती है; प्रजनन की प्राकृतिक प्रक्रिया ही आत्मा को भी उत्पन्न करती है।


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