अनुभवातीत, इंद्रियातीत
इंद्रियों की पहुँच से परे, अनुभव से परे, प्रकृति से परे, इहलोक से परे। विशेषतः कांट ने इस शब्द का प्रयोग उन वस्तुओं के विशेषण के रूप में किया है जो अनुभव या ज्ञान की सीमा से बाहर हैं।
Transcendental
इंद्रियातीत, लोकातीत
सामान्यतः इसका trascendent से कोई भेद नहीं किया जाता।
Transcendental Aesthetic
संवेदनालंब-समीक्षा
कांट के प्रसिद्ध ग्रंथ 'शुद्ध बुद्धिमीमांसा' का प्रथम खंड, जिसमें संवेदन के आकारों का विवेचन किया गया है : ये आकार हैं दिक् और काल, जो साँचों का काम करते हैं, जिनमें से ढलकर ऐंद्रीय सामग्री मन के सामने व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत होती है।
Transcendental Analytic
बोधालंब-समीक्षा
कांट के प्रसिद्ध ग्रंथ 'शुद्ध बुद्धिमीमांसा' के दूसरे खंड का प्रथम भाग, जिसमें वस्तुओं के ज्ञान के लिए आवश्यक उन तत्त्वों अर्थात् उन आधारभूत ('शुद्ध') संप्रत्ययों अथवा 'पदार्थों' (categories) का विश्लेषण किया गया है जो संवेदनों का एकीकरण करते हैं।
Transcendental Apperception
प्रागनुभविक अहंप्रत्यय
कांट के अनुसार, संवेदनों की विविधता और अवस्था-परिवर्तन के बावजूद ज्ञाता के रूप में आत्मा के सदैव अभिन्न और एक बने रहने की चेतना जो किसी भी अनुभव के होने की एक अनिवार्य शर्त है।
Transcendental Dialectic
प्रागनुभविक द्वंद्व समीक्षा
कांट की `शुद्ध बुद्धिमीमांसा` का तीसरा खंड जिसमें प्रागनुभविक `आकारों` और `पदार्थों` के अनुभव के क्षेत्र के बाहर लागू किए जाने को अवैध बताया गया है तथा तर्कबुद्धि के `प्रत्ययों` को नियामक मात्र मानते हुए तर्कबुद्धिपरक मनोविज्ञान, ब्रह्मांडमीमांसा और ईश्वरमीमांसा का खंडन किया गया है।
Transcendental Illusion
प्रागनुभविक भ्रम
कांट के अनुसार, प्रागनुभविक आकारों और संप्रत्ययों को अनुभवातीत जगत् में लागू करने की मानसिक प्रवृत्ति के कारण उत्पन्न भ्रम।
Transcendentalism
1. प्रागनुभविकवाद : ज्ञान के प्रागनुभविक तत्त्वों पर बल देने वाला अथवा वास्तविकता के अज्ञेय या ज्ञानातीत स्वरूप में विश्वास करने वाला कांटीय सिद्धांत।
2. अनुभवातीतवाद, इंद्रियातीतवाद : विश्व में अनुभवातीत तत्वों को आधारभूत माननेवाला कांटोत्तर प्रत्ययवाद।
Transcendental Logic
प्रागनुभविक तर्कशास्त्र
इमानुएल कांट के प्रसिद्ध ग्रन्थ 'शुद्ध बुद्धिमीमांसा' का द्वितीय खंड, जिसमें पदार्थों (Categories) का अर्थात्, उन प्रागनुभविक आकारों का जिनके द्वारा बोधशक्ति संवेदनों का संश्लेषण करती है, विवेचन किया गया है।
Transcendental Method
ज्ञानालंब-विश्लेषण-प्रणाली
कांट के अनुसार, उन हेतुओं (संवेदन के आकारों, पदार्थों तथा तर्कबुद्धि के आदर्शों) का विश्लेषण करने की प्रणाली जो अनुभव और ज्ञान को संभव बनाते हैं और स्वयं इनकी पहुँच के बाहर रहते हैं।