युधिष्ठिर का कल्पित नाम जो उन्होंने राजा विराट के यहाँ रखा था।
संज्ञा
[सं.]
कंक
कंस का एक भाई।
संज्ञा
[सं.]
कंकड़
छोटा टुकड़ा, पत्थर का टुकड़ा, रोड़ा।
संज्ञा
[सं. कर्कर, प्रा. कक्कर]
कँकड़ीला
जिसमें कंकड़ अधिक हों।
वि.
[हिं, कंकड़]
कंकण
कड़ा या चूड़ा नामक आभूषण जो कलाई में पहना जाता है।
संज्ञा
[सं.]
कंकण
एक धागा जिसमें सरसों की पुटली, लोहे का छल्ला आदि बाँधकर दुलहिन और दूल्हे के हाथ में पहनाते हैं। विवाह के पश्चात दूल्हा दुलहिन का और दुलहिन दूल्हे का कंकण खोलती है।
संज्ञा
[सं.]
कंकण
ताल का एक भेद।
संज्ञा
[सं.]
कंकन
कलाई में पहनने का एक आभूषण, कंगन, चूड़ा।
तेरो भलो मनैहौं झगरिनि, तू मत मनहिं डरै। दीन्हौं हार गर, कर कंकन, मोतिनि थार मरे - १०-१७।
संज्ञा
[सं. कंकण]
कंकन
एक धागा जिसमें सरसों की पुटली, लोहे का छल्ला आदि बाँधकर दुलहिल और दूल्हे के हाथ में बाँधते हैं। विवाह के पश्चात दूल्हा दुल्हिन का कंकन खोलता है और दुलहिन दूल्हे का खोलती है।