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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-II)

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कंटकित
काँटेदार।
वि.
[सं. कंटक]

कंटकित
पुलकित,रोमांचयुक्त।
वि.
[सं. कंटक]

कँटाय
एक कँटीला पेड़ जिस की लकड़ी यज्ञ- पात्र बनाने के काम आती थी।
संज्ञा
[सं. किंकिणी]

कंटिका
‘पिन' की तरह लोहे-पीतल का पतला काँटा।
संज्ञा
[सं.]

कँटिया
छोटी कील।
संज्ञा
[हिं, काँटी]

कँटिया
सिर का एक गहना।
संज्ञा
[हिं, काँटी]

कँटीला
जिसमें काँटे लगे हों, काँटेदार।
वि.
[हिं. काँटा + ईला (प्रत्य)]

कंठ
गला।
संज्ञा
[सं.]

कंठ
स्वर, शब्द।
संज्ञा
[सं.]

कंठ
वह रंगीन रेखा जो तोते,पंडुक जैसे पक्षियों के गले में युवावस्था में पड़ जाती है।
संज्ञा
[सं.]


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