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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-II)

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कंठहार
गले को एक गहना, कंठी।
संज्ञा
[सं.]

कंठा
पक्षियों के गले में पड़ने वाली रंग-बिरंगी रेखा।
संज्ञा
[हिं. कंठ]

कंठा
गले का एक गहना जिसमें सोने, मोती आदि के मनके होते हैं।
संज्ञा
[हिं. कंठ]

कंठा
कुरते अदि पहनावों का गले पर पड़नेवाला भाग।
संज्ञा
[हिं. कंठ]

कंठाग्र
जो जबानी याद हो।
वि.
[सं.]

कंठी
माला जो छोटी छोटी गुरियों की बनी हो।
संज्ञा
[हिं. कंठ का अल्पा.]

कंठी
तुलसी आदि की माला।
संज्ञा
[हिं. कंठ का अल्पा.]

कंठ्य
जो गले से उत्पन्न हो।
वि.
[सं.]

कंठ्य
जिसका उच्चारण कंठ से हो।
वि.
[सं.]

कंठ्य
वह वर्ण जिसका उच्चारण कंठ से हो।
संज्ञा


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