ऐसा बीमा जिसके अंतर्गत कंपनी लोगों के जोखिम के प्रति संरक्षण प्रदान करती है। इस प्रकार की पॉलिसी लेने वाला व्यक्ति बीमा-किश्त जमा करता रहता है और उसकी मृत्यु पर या पॉलसी में निर्दिष्ट अवधि समाप्त होने पर बीमा-राशि उसके उत्तराधिकारियों अथवा उसके द्वारा नामित हिताधिकारियों या स्वयं उसको दे दी जाती है।
Limited liability
सीमित देयता
क़ानून या संविदा द्वारा प्रतिबंधित देयता। कंपनी अधिनियम के संदर्भ में कंपनी के शेयरधारियों की देयता शेयर राशि के अप्रदत्त अंश तक सीमित होती है अर्थात्, यदि किसी शेयरधारी ने रू. 100/- के शेयर पर रू. 60/- अदा कर दिए हैं तो अब उसकी देयता रू. 40/- तक सीमित है।
कंपनी की बहिर्नियमावली में इस बात की घोषण की जानी आवश्यक है कि शेयरधारियों की देयता सीमित है। इसी के साथ यह भी ज़रूरी है कि कंपनी अपने नाम के आगे 'लिमिटेड' शब्द का प्रयोग करे।
Liquid asset
तरल परिसंपत्ति, अनिरूद्ध परिसंपत्ति
प्रतिष्ठान के पास मौजूद नक़दी, बैंक-शेष और सरलता से नक़दी में बदली जा सकने योग्य परिसंपत्तियाँ जैसे, प्रतिभूतियाँ, प्राप्य बिल आदि। इसमें माल का मूल्य शामिल नहीं किया जाता। इस प्रकार, चालू परिसंपत्ति के मूल्य में से माल का मूल्य घटा दें तो प्रतिष्ठान की 'तरल परिसंपत्तियों ' का मूल्य निकल आता है।
Liquidated damages
निर्णीत हर्जाना
किसी संविदा से संबंधित पक्षों के बीच पूर्व-निर्धारित रक़म जो क़रार पूरा न होने की स्थिति में संविदा तोड़ने वाले पक्ष को देनी होगी।
Liquidation
परिसमापन
किसी कंपनी के कामकाज को बंद करने के उद्देश्य से कंपनी अधिनियम के अंतर्गत आरंभ की गई कार्रवाई। इसके लिए परिसमापक की नियुक्ति की जाती है।
Listing
सूचीयन
मान्यताप्राप्त शेयर बाज़ार के उपनियमों के अधीन निर्धारित शर्तो के पूरा करने पर किसी कंपनी की प्रतिभूतियों को शेयर बाज़ार की भाव सूची में सम्मिलित किया जाना और वहाँ उनके सौदों की अनुमति देना।
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1. लदाई, भराई 2. वर्धित राशि
1. लदाई, भराई : रेल, पोत, ट्रक आदि वाहनों पर माल चढ़ाना।
2. वर्धित राशि : निवल प्रीमियम में जोड़ी गई रक़म। बीमा पॉलिसी के अंतर्गत लिए जाने वाले प्रीमियम में दो मदें शामिल होती हैं। पहली, जोखिम-वहन की लागत और दूसरी, पॉलिसी बेचने, उसे चालू रखने और बोनस तथा लाभ आदि के लिए अपेक्षित रक़म। यह दूसरी मद अथवा उपरिलागत 'वर्धित राशि' है।
Loan
क़र्ज़
ऋणदाता द्वारा ऋणी को एक सम्मत ब्याज-दर पर नियत अवधि के लिए दी गई उधार-राशि। ऋणदाता और ऋणी सरकार, संस्था, व्यावसायिक प्रतिष्ठान अथवा व्यक्ति, कोई भी हो सकते हैं।
Loose leaf ledger (=perpetual ledger)
खुले पन्नों का खाता
विशेष प्रकार के जिल्द वाला ऐसा खाता जिसकी पुश्त खोलकर पन्ने अलग-अलग किए जा सकते हैं। इस खाते में जब चाहे पन्ने घटाए-बढ़ाए जा सकते हैं या उनका क्रम बदला जा सकता है। चूँकि इसमें पन्ने घटाने-बढ़ाने की गुंजाइश होती है अतः यह कभी भरता नहीं। पुराने पन्ने निकालकर नए पन्ने जोड़ देने से यह अगली लेखा-अवधि में इस्तेमाल के योग्य हो जाता है।