अ - किसी देश की मुद्रा की अन्य देशों की मुद्राओं में सरलतापूर्वक बदले जा सकने की क्षमता।
आ - (कंपनी वित्त) वित्त-प्रदायकों द्वारा लगाई गई एक शर्त जिसके अनुसार भविष्य में प्रदत्त ऋणों अथवा ऋणत्रों को कंपनी के शेयरों में बदला जा सकता है।
विशेषीकृत वित्त संस्थाओं के ऋण-क़रारों में यह शर्त एक धारा के रूप में समाविष्ट की जाती है।
Convertible debenture
परिवर्तनीय डिबेंचर
ऐसा डिबेंचर जिसे उसका धारक एक अवधि के पश्चात् शेयर में बदलवा सकता है।
Convertible insurance
परिवर्तनीय बीमा
ऐसा बीमा जिसमें बीमा कराने वाला व्यक्ति उसे किसी अन्य प्रकार के बीमे में परिवर्तित करा सकता है।
Co-partnership
सहसाझेदारी, सहभागिता
किसी प्रतिष्ठान के कर्मचारियों का उसकी शेयर-पूँजी में आंशिक स्वामित्व। कर्मचारियों को शेयर देने का उद्देश्य यह है कि उन्हें प्रतिष्ठान के नीति-निर्धारण एवं उसके संचालन में भाग लेने का अवसर मिल सके।
Cornering
बाज़ार समेटना, ख्याला करना, बाज़ार मुट्ठी में करना
किसी व्यापारी अथवा कुछ व्यापारियों द्वारा मिलकर बाज़ार में उपलब्ध किसी जिन्स, पदार्थ या प्रतिभूति की अधिकांश या सारी मात्रा को इस उद्देश्य से ख़रीद कर दबा बैठना कि पूर्ति की दुर्लभता की स्थिति में उसकी क़ीमतें बढ़ जाएँ और तब वे उसे ऊँचे भाव पर बेचकर अधिक लाभ कमा सकें। शेयरों के संदर्भ में ऐसी ख़रीद का उद्देश्य प्रायः संबंधित कंपनी पर नियंत्रण करना होता है।
Corporate savings
कंपनी बचत, निगम-बचत, अवितरित लाभ
कंपनी की आय में से की गई बचत जो 'अवितरित लाभ' के रूप में होती है। कंपनी की बचत का उपयोग प्रायः पूँजी-विस्तार के लिए किया जाता है।
Corporation
कंपनी, निगम
कपनी :
अ - दे. Company
आ - संसद के विशेष अधिनियम से स्थापित सांविधिक व्यावसायिक अथवा वित्तीय प्रतिष्ठान।
निगम : स्थानीय स्वाशासन की एक इकाई।
Correcting entry
शोधक प्रविष्टि
लेखाविधि के संदर्भ में : ऐसी इंदराज जो लेखाकरण की किसी पिछली इंदराज की गलती को सुधारने के उद्देश्य से की जाती है।
Cost
लागत, व्यय
अ - (लेखाकरण) किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन पर लगाई गई रक़म।
आ - (अर्थशास्त्र) उत्पादन के उन कारकों का मूल्य जो किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन में प्रयुक्त होते हैं।
cost के विभिन्न प्रकारों के लिए दे. Constant cost, fixed cost, operating cost, supplimentary cost, unit cost, variable cost
Cost accounting
लागत-लेखाविधि
किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन में लगने वाले सामान, श्रम आदि की लागत के आँकड़ों को वैज्ञानिक ढंग से वर्गीकृत और विश्लेषित करने की क्रिया जिससे उत्पादन की प्रति इकाई लागत पर नियंत्रण रह सके और प्रतिष्ठान में किफ़ायत, कुशलता और लाभदायक ढंग से कार्य हो सके।