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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh (Bundeli)

हिन्दी वर्णमाला का प्रथम देवनागरी तालव्य वर्ण, इसका उच्चारण स्थान तालु है।

चंग
सं. स्त्री.
पतंग, दो पंखुड़ियों वाली फिरकिनी, झेला लगी ढपली।

चंग
कहा.
चंग पै चढ़ावो- इधर- उधर की बात करके अपने अनुकूल बनाना, मिजाज बढ़ा देना।

चंगला
सं. पु.
एक वर्ग में पच्चीस खाने बनाकर गोटियों से खेला जाने वाला खेल, गोट को आगे बढ़ाने के लिए चार कोंड़ियाँ पार कर अंक निकाला जाता है।

चंगुल
सं. पु.
शिकारी चिड़ियों का पंजा, पकड़।

चंगुल
प्र.
जिदना हमाए चंगुल में फँसे हम न छोड़े, चंगुल, हथेली की पकड़।

चंगेर
सं. स्त्री.
झबला बड़ा डला, बच्चों को लिटाने की बाँस की बड़ी दौरिया, उथली टोकरी इसकी तली दो पर्त की होती है।

चंगौ
वि.
स्वस्थ, सुन्दर, भलौ- चंगो, शब्द युग्म में प्रयुक्त।

चंचल
वि.
स्थिर न रहने वाला, चपल, चुलबुला, नटखट, प्रायः बच्चों के लिए प्रयुक्त।

चंचला
सं. स्त्री.
लक्ष्मी, बिजली, चंचल या नटखट बालिका।


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