हिन्दी वर्णमाला दे. ना. लि. का पाँचवा स्वर, इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ है, सर्व. प्रश्न का निपात, बलवाची प्रत्यय, प्रयोग हमउँ तौ ठाँडे ते उतै, किसी की बात ठीक से सुन या समझ न पाने पर पुनरावृत्ति हेतु निवेदन का निपात।
उँखारी
सं. स्त्री.
ईख का खेत।
उँगइया
सं. स्त्री.
अंगुली, उँगली, उँगइया उठाबौ- बदनाम करना, लाँछन लगाना, उँगइया करबो- परेशान करना, सताना, उँगइया चटकाबो- उँगलियों से चट- चट शब्द करना, उँगइया पकर के पोंचा पकरबो- थोड़ा पाकर अधिक पाने का प्रयत्न करना।
उँगठा
सं. पु.
अँगूठा, हाथ पैर की सबसे मोटी उँगली।
उँगठौना
सं. पु.
अंगुस्ताना, हाथ के अंगूठे में पहना जाने वाला चौड़ी पट्टी का एक छल्ला।
उँगयानो
वि.
उनींदा, जिसे नींद आ रही हो।
उँगयाबो
क्रि.
उनींदा होना, नींद के झौकें आना।
उँगरकटा
सं. पु.
एक लम्बा कीड़ा जिसके मुंड के पास दो काँतरें होती हैं।
उँगरकटा
कहा.
उँगरकटा नाव धर दओ- उँगली काट खाने वाला नाम रख दिया, व्यर्थ बदनाम कर दिया।