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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh (Bundeli)

अकह
क्रि.
बिना कहे हुए।

अकरमी
वि.
दुष्कर्म करने वाला।

अकामी
वि.
जिसके मन में किसी प्रकार की कामना या वासना न हो, अकाम, जिसमें काम वासना न हो या न रह गई हो।

अकार
सं. पु.
आकृति, स्वरूप, आकार, शुद्ध रूप, अक्षर या उसकी उच्चारण ध्वनि।

अकारथ
वि.
जिसका कोई अच्छा फल या परिणाम न हो, बिना फायदा के, जैसे सारा परिश्रम अकारथ गया, व्यर्थ, जिसका उपयोग न हो सका हो, निष्फल।

अकरन
वि.
अकारण, बिना प्रयोजन के।

अकाल
सं. पु.
दुर्भिक्ष, कुसमय, घाटा और हानि, ऐसा काम या समय जो किसी विशिष्ट कार्य के लिये उपयुक्त न हो, ऐसा समय जिसमें अन्न बहुत कम और बहुत कठिनता से मिलता हो, दुर्भिक्ष, किसी चीज की बहुत अधिक कमी या अभाव, जैसे कपड़े या नमक का अकाल।

अकाल
वि.
जिसका काल न आ सके अथवा मृत्यु न हो सके, अविनाशी, जो उचित या उपयुक्त समय पर न हो, असामाजिक जैसे अकाल मृत्यु, अकाल वृष्टि।

अकाली
सं. पु.
सिक्खों का एक संप्रदाय विशेष, उक्त संप्रदाय का अनुयायी जिसका संबंध उक्त संम्प्रदाय से हो।

अकासबानी
सं. स्त्री.
देव वाणी, आकाशवाणी।


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