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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh (Bundeli)

थापी
सं. पु.
मुगरी, ऊल।

थाबकथोबा
क्रि. वि.
ऊल जलूल।

थाबौ
क्रि.
जमीन पर आकार विशेष में मिट्टी थोपकर किसी वस्तु, का फारान कुठिया या गुढ़ा चूल्हे का आधार बनाना, थाह लेना।

थामों
सं. पु.
स्तम्भ, किसी टँगी हुई वस्तु को सहारा देने के लिए आधार रूप में खड़ी की जाने वाली मोटी लकड़ी।

थायँ
सं. स्त्री.
थाह, जल की गहराई की अंतिम सीमा या आधार।

थार
सं. पु.
बडी थाली, भोजन परोसी हुई बड़ी थाली, सम्मानपूर्ण संदर्भ में प्रयुक्त।

थारी
सं. स्त्री.
थाली, भोजन परोसी हुई थाली, पूजा सामग्री, सजायी हुई थाली।

थारी
कहा.
थारी गिरी, झनकार सबने सुनी- जब कोई लडाई- झगड़ा या कोई विशेष घटना होती है, तो उसका पता पड़ ही जाता है।

थारौली
सं. स्त्री.
विवाह की एक रस्म, शादी में दूल्हा भाँवर पड़ने तक लड़की के घर नहीं जाता है, बारात आने पर डेरे में दूल्हा को भोजन कराने के लिए स्त्रियाँ थाली में भोजन सजाकर गाती बजाती हैं, इसी रस्म को थारौली कहा जाता है।

थिंगरया
वि.
पैबंद लगा हुआ।


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