चटू कें ब्याव, भँड़ऊ (सागर तरफ चोट्टी स्त्री को कहते है) न्योतें आई- चटोर स्त्री के यहाँ ब्याह में चोट्टी न्योते आयी, जैसे के यहाँ तैसे ही आते हैं, अथवा जैसे को तैसे मिलते है।
चटा
सं. पु.
व्यवस्था से रखा हुआ लकड़ियों या गुम्मों का ढेर ताकि उनके वजन और गिनती का क्रमशः अनुमान लगाया जा सके।
चट्टी
सं. स्त्री.
चप्पलें, पट्टी दार खड़ाउँ।
चड़न
सं. स्त्री.
चढ़ने की क्रिया या भाव।
चड़बौ
क्रि.
ऊपर जाना, सवार होना, रण में जाना, नदी में बाढ़ा आना, हावी होना।
चड़ा ऊपरी
सं. स्त्री.
होड़ प्रतियोगिता।
चड़ाई
सं. स्त्री.
चढ़ने के लिए ऊँचाई, युद्ध के लिये अभियान।
चड़ाबों
स. क्रि.
नीचे से ऊपर की ओर ले जाना, चढने में प्रवृत्त करना, उन्नति करना, देवताओं को अर्पण करना, सवार कराना, पकने के लिये आँच पर रखना।
चड़ार
सं. पु.
एक जाति, बुनकर।
चड़ाव
सं. पु.
विवाह की एक रस्म जिसमें वर पक्ष की ओर से मण्डप के नीचे कन्या को आभूषण पहिनाये जाते हैं, इस अवसर पर पहिनाये जाने वाले वस्त्र और आभूषण, कुम्भ, अर्द्धकुम्भ।