हिन्दी वर्णमाला दे. ना. लि. का नवाँ स्वर वर्ण, इसका उच्चारण स्थान कण्ठ्य व तालु है, सर्व. यह का अपभ्रंश, एई- यही, एई सें- इसी सें- एखौं- इसको, एकें- एक ही, एकें आंय एकें जाएं, इसे, सम्बो. बुलाना आदि अर्थों में प्रयुक्त, प्र. ए भइया।
एँगुर
सं. पु.
ईगुर।
एँच पेंच
सं. पु.
घुमाव- फिराब, हेर- फे र, उलझन, टेढ़ी- तिरछी चाल या युक्ति।
एँच पेंच
दे. दाँव- पेंच, मरोड़, उलझन।
एँचना
क्रि. स.
खींचना।
एँजिन
सं. पु.
कल यन्त्र रेलवे में गाड़ियों का भाप से खीचने वाली या कारखानों में सब मशीनों को भाप से चलाने वाली कल।
एँजीनियर
सं. पु.
कलों को चलाने, बनाने या जानने वाला, वह अफ सर जा कारखानों और इमारतों इत्यादि को बनाने का निरीक्षण करता है।