किराया-ख़रीद प्रणाली के अंतर्गत क्रेता द्वारा किया जाने वाला पहला भुगतान जिसके फलस्वरूप सौदा पक्का मान लिया जाता है और क्रेता को संपत्ति का क़ब्ज़ा मिल जाता है।
Drawback
चुंगी वापसी, फिरती
अ - सामान्यतः किसी शुल्क को वसूलने के बाद रियायतन उसे शुल्कदाता को लोटाना।
आ - ऐसे आयातित माल पर लगे शुल्क की वापसी जिसे पुनर्निर्यात के विचार से मँगाया गया हो और अब विदेश रवाना किया जा रहा हो।
इ - नगरपालिका द्वारा लौटाई गई वह रक़म जो उसकी सीमा में से गुज़रने वाले माल पर चुंगी के रूप में ले ली गई हो पर बाद में इसलिए वापिस की जा रही हो कि माल उस नगर में बेचने के लिए नहीं अपितु वहाँ से होते हुए कहीं और ले जाने के लिए लाया गया था।
ई - जहाज़रानी के संदर्भ में : लदानकर्ता से गलती से ले लिए गए अधिक किराए की वापसी।
Drawee
अदाकर्ता
वह व्यक्ति अथवा बैंक जिसे किसी चैक, ड्राफ़्ट, बिल अथवा हुंडी का भुगतान करने का आदेश दिया गया है। चैक तथा ड्राफ़्ट का अदाकर्ता पक्ष बैंक और हुंडी आदि का अदाकर्ता वह पक्ष होता है जिस पर हुंडी की गई है।
Drawee in case of need
विकल्पी अदाकर्ता
विनिमय-पत्र में कभी-कभी इस बात की व्यवस्था होती है कि यदि अदाकर्ता उसे नकार दे तो विनिमय-पत्र का धारक उसे अन्य निर्दिष्ट पक्ष को पेश करके अदायगी की माँग कर सकता है। यह अन्य पक्ष विकल्पी अदाकर्ता कहलाता है।
समान. alternative drawee
Drawer
चैककर्ता, हुंडीकर्ता
चैक, ड्राफ़्ट, बिल अथवा हुंडी काटने वाला पक्ष जो अदाकर्ता को आदेश देता है कि वह उसमें कथित पक्ष अथवा उसके आदेशिती को प्रपत्र में उल्लिखित रक़म का भुगतान कर दे।
Dumping (the market)
(बाज़ार) पाटना
बाज़ार में प्रभुत्व स्थापित करने के लिए किसी वस्तु को बहुत बड़ी मात्रा में और बहुत सस्ते दामों पर बेचना। यह प्रक्रिया अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में विशेष रूप से अपनाई जाती है जबकि एक देश अपने यहाँ के माल को विदेश में लागत से भी कम मूल्य पर बेचकर वहाँ के बाज़ार पर छा जाता है।
Duty
शुल्क
किसी वस्तु के उत्पादन, आयात अथवा निर्यात पर सरकार द्वारा लयाया जाने वाला कर।
duty के प्रमुख प्रकारों के लिये दे. ad valorem duty, compensatory duty, compound duty, countervailing duty, differential duty, excise duty, export duty, preferential duty, protective duty, specific duty.
Earnest (=earnest money)
बयाना, अग्रिम धन
संविदा करते समय प्रतिज्ञाकर्ता द्वारा अपनी सदाशयता और सामर्थ्य के प्रमाण के रूप में विक्रेता के पास जमा की जाने लावी धन-राशि। यदि क्रेता किसी कारण से अपना वायदा पूरा नहीं कर पाता तो प्रायः यह धन-राशि ज़ब्त कर ली जाती है।
Economic growth
आर्थिक संवृद्धि
राष्ट्रीय आय में वृद्धि की दर राष्ट्र में उत्पादित होने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कुल मात्रा में वृद्धि की दर। किसी राष्ट्र की 'आर्थिक संवृद्धि' का माप उसके सकल राष्ट्रीय उत्पाद की वृद्धि-दर से होता है पर इससे भी श्रेष्ठ मापक है, प्रति व्यक्ति वास्तविक राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि की दर। कुछ अल्पविकसित देशों में उत्पादन-वृद्धि की अपेक्षा जनसंख्या-वृद्धि की दर अधिक होने के कारण प्रतिव्यक्ति आर्थिक संवृद्धि-दर ऋणात्मक हो जाती है और औसत व्यक्ति का जीवन-स्तर गिर जाता है।
Economic planning
आर्थिक आयोजन
निर्दिष्ट समय के भीतर निश्चित ध्येयों की प्राप्ति के लिए आर्थिक शक्तियों का युक्तिपूर्ण कार्यान्वयन। इसका अर्थ है सीमित आर्थिक साधनों के वैकल्पिक उपयोगों की इस प्रकार व्यवस्था करना कि उनके द्वारा संतुष्टि अधिकतम बनी रहे। आर्थिक आयोजन के अंतर्गत किसी पूर्वनिश्चित ध्येय की प्राप्ति के लिए सीमित साधनों के संबंध में चुनाव करना पड़ता है। व्यक्ति, व्यापारिक फ़र्म और उद्योग भी अपने आर्थिक साधनों पर नियंत्रण रख सकते हैं परंतु इस प्रकार के नियंत्रण को मात्र व्यवसाय-प्रबंध या युक्तीकरण कहा जा सकता है। आधुनिक काल में आर्थिक आयोजन राज्य द्वारा किए गए आयोजन को ही कहा जाता है। राज्य इस प्रकार का नियंत्रण अर्थव्यवस्था के किसी एक अंग पर करे या समस्त अर्थव्यवस्था पर, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। आंशिक आर्थिक आयोजन प्रणाली का आश्रय प्रायः पूँजीवादी और मिश्रित अर्थव्यवस्था वाले देशों में लिया जाता है। पूँजीवादी देश मंदी और आर्थिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए कुछ विशेष प्रकार की अर्थिक नीतियाँ अपनाते हैं और मिश्रित अर्थव्यवस्था वाले देश अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना पर नियंत्रण रखते हैं। इससे विपरीत स्थिति साम्यवादी देशों की है। वहाँ सरकार संपूर्ण अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण रखती है। इस प्रणाली को पूर्ण आर्थिक प्रायोजन कहा जाता है।