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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

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निरधातु
शक्तिहीन, निर्बल।
वि.
[सं. निर्धातु]

निरधार
निश्चय करने का कार्य।
संज्ञा
[सं. निर्धारण]

निरधार
निश्चित करने का भाव।
संज्ञा
[सं. निर्धारण]

निरधार
निश्चित, जो टल न सके।
उ.- सप्तम दिन मरिवौ निरधार-१-२९०।
वि.

निरधार
निश्चय ही।
उ.- कह्यौ, आइहैं हरि निरधार-१० उ.-३७।
वि.

निरधारना
निश्चय या स्थिर करना।
क्रि. स.
[सं. निर्धारण]

निरधारना
मन में समझना या धारण करना।
क्रि. स.
[सं. निर्धारण]

निरनउ
निर्णय।
संज्ञा
(सं. निर्णय)

निरनुनासिक
जिस वर्ण में अनुस्वार न हो।
वि.
[सं.]

निरनै
फैसला, निर्णय।
संज्ञा
(सं. निर्णय)


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