logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

Please click here to read PDF file Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

निरवारिहौं
मुक्त करूँगा। छुड़ाऊँगा।
उ.- कंस कौं मारिहौं, धरनि निरवारिहौं, अमर उद्धारिहौं, उरग-धरनी-५५१।
क्रि. स.
[हिं. निरवारना]

निरवारैं
गाँठ आदि छुड़ाते है, सुलझाते हैं।
उ.- चोली छोरैं हार उतारैं। कर सौं सिथिल केस निरवारैं-७९९।
क्रि. स.
[हिं. निरवारना]

निरवारौ
फैसला, निबटेरा, निर्णय।
उ.- कै हौं पतित रहौं पावन हैं, कै तुम बिरद छुड़ाऊँ। द्वै मैं एक करौं निरवारौ, पतितनिराव कहाऊँ-१-१७९।
संज्ञा
[हिं. निरवारना]

निरवाहु
निबाह, पालन।
संज्ञा
[सं. निर्वाह]

निरवाहना
निभाना।
क्रि. अ.
[सं. निर्वाह]

निरशन
लंघन, उपवास।
संज्ञा
[सं.]

निरशन
जिसने खाया न हो, जिसमें खाया न जाय।
वि.

निरसंक
भय, संकोच-रहित।
वि.
[सं. निःशंक]

निरस
जिसमें रस न हो।
वि.
[सं.]

निरस
जिसमें स्वाद न हो।
वि.
[सं.]


logo