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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

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निरबर्ती
त्यागी, विरागी।
वि.
[सं. निवृत्त]

निरबल
कमजोर, शक्तिहीन।
वि.
[सं. निर्बल]

निरबहना
निभ जाना।
क्रि. अ.
[हिं. निभना]

निरबहिऐ
निर्वाह कीजिए, निभाइए, बचाइए।
उ.- ऐसैं कहौं कहाँ लगि गुन-गन लिखत अंत नहिं लहिऐ। कृपासिंधु उनहीं के लेखैं मम लज्जा निरबहिऐ - १-११२।
क्रि. स.
[हिं. निबाहना]

निरबान
मोक्ष, मुक्ति।
संज्ञा
[सं. निर्वाण]

निरबाहत
निबाह करते हैं, निभा लेते हैं, रक्षा कर लेते हैं।
उ.- सूरदास हरि बोलि भक्त कौं, निरबाहत गहि बहियाँ - ९-१९।
क्रि. स.
[सं. निर्बहना, हिं निबाहना]

निरबाहु
पालन, निर्वाह।
उ.- (क) हौं पुनि मानि कर्म कृत रेखा, करिहौं तात-बचन निरबाहु - ९-३४। (ख) सूर सब दिन चोर को कहुँ होत है निरबाहु - १२८०।
संज्ञा
[सं. निर्वाह]

निरबिकार
दोष-रहित।
वि.
[सं. निर्विकार]

निरबेद
दुख।
संज्ञा
[सं. निर्वेद]

निरबेद
वैराग्य।
संज्ञा
[सं. निर्वेद]


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