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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

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निरंग
बदरंग।
वि.
[हिं. नि + रंग]

निरंग
फीका।
वि.
[हिं. नि + रंग]

निरंजन
परमात्मा, ईश्वर।
उ.- (क) आदि निरंजन, निराकार, कोउ हुतौ न दूसर - २-३६। (ख) अलख निरंजन ही को लेखो - ३४०८।
संज्ञा
[सं.]

निरंजन
शिव जी।
संज्ञा
[सं.]

निरंजन
बिना अंजन या काजल का।
वि.

निरंजन
दोष या कल्मष रहित।
वि.

निरंजन
माया से निर्लिप्त।
वि.

निरंजनी
साधुओं का एक संप्रदाय।
संज्ञा
[सं.]

निरंजनी
आरती।
संज्ञा
[सं. नीरांजनी]

निरंतर
लगातार, सदा, बराबर।
क्रि. वि.
[सं.]


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