चुंबकीय अनीलन
लोह-निकैल मिश्रातुओं का एक प्रकार का ऊष्मा-उपचार जिसमें मिश्रातु को 600°C से ऊपर तक गरम करने के बाद 500°C पर उच्च चुंबकीय. क्षेत्र के प्रभाव में रखा जाता है। तत्पश्चात् सामान्य ताप तक ठंडा करने पर मिश्रातु की चुंबकशीलता बहुत बढ़ जाती है और अपेक्षाकृत कम निग्रह-बल की आवश्यकता होती है। यदि मिश्रातु में 65% से अधिक निकैल हो तो यह प्रभाव सबसे अधिक स्पष्ट होता है। शैथिल्य-पाश लगभग आयताकार होता है।
Magnetic change
चुंबकीय परिवर्तन
चुंबकीय α-- लोहा, गर्म करने पर एक विशिष्ट ताप (Ac₁) पर अचुंबकीय β लोहा में परिवर्तित हो जाता है। विलोमतः अचुंबकीय β--लोहा ठंडा करने पर एक विशिष्ट ताप (Ar₁) पर चुंबकीय α--लोह में परिवर्तित हो जाता है। α तथा β-- लोह की क्रिस्टलीय संरचना समान होती है केवल उनके चुंबकीय गुणों में अंतर होता है। साम्य-अवस्था में शुद्ध लोहे में चुंबकीय परिवर्तन 768°C पी होता है।
Magnetic concentration
(Magnetic seperation)
चुंबकीय सांद्रण
देखिए-- Concentration
Magnetic etching
चुंबकीय रसोत्कीर्णन
लोह-चुंबकीय प्रावस्थाओं के धातुचित्रण-अभिनिर्धारण की विधि। इसमें पॉलिश किए गए पृष्ठ को चुंबकीय कणों के पीतले कोलॉइडी निलंबन से ढककर उस पर चुंबकीय क्षेत्र प्रयुक्त किया जाता है। इससे चुंबकीय क्षेत्रों पर कोलॉइड का स्पष्ट सांद्रण दृष्टिगोचर होता है जिससे चुंबकीय और अचुंबकीय प्रावस्थाओं की पहचान की जा सकती है।
Magnetic hysteresis
चुंबकीय लैथिल्य
देखिए-- Hysteresis
Magnetic particle technique
चुंबकीय कण तकनीक
देखिए-- Non-destructive test के अंतर्गत Magnaflux test.
Magnetising roasting
चुंबकत्व भर्जन
देखिए-- Roasting के अंतर्गत।
Magnetism
चुंबकत्व
वह परिघटना जिसके कारण चुंबकीय बल उत्पन्न होता है अथवा वह विज्ञान जिसका संबंध चुंबकीय बल के नियमों और चुंबकीय क्षेत्र से होता है। किसी वस्तु का वह गुणधर्म जिसके कारण वह लोहे अथवा लोह चुंबकीय पदार्थों को आकर्षित या निग्रह करता है। चुंबकत्व के मुख्य प्रकार ये है:
प्रतिचुंबकत्व (Diamagnetism)-- पदार्थों का वह गुणधर्म जिसके कारण उनकी चुंबकीय प्रवृति अल्प और ऋणात्मक होती है। प्रतिचुंबकत्व गुणधर्म वाले पदार्थ, चुंबकीय क्षेत्र द्वारा बहुत कम प्रतिकर्षित होते हैं। उदाहरणार्थ, चाँदी, सोना और विस्मथ।
लोह चुंबकत्व (Ferromagnetism)-- कुछ पदार्थों का वह गुणधर्म जिसके कारण उनकी चुंबकीय प्रवृत्ति अधिक और धनात्मक होती है। लोह चुंबकत्व युक्त पदार्थ, चुंबकीय क्षेत्र द्वारा अति आकर्षित होते हैं। उदाहरणार्थ लोहा, कोबाल्ट, निकैल, गैडोलिनियम आदि।
प्रतिलोह चुंबकत्व (Antiferromagnetism)-- यदि विपरीत और समान प्रचक्रण (Spin) वाले इलेक्ट्रानों की संख्या समान हो तो फलस्वरूप उत्पन्न चुंबकत्व को प्रतिलोह चुंबकत्व कहते हैं।
फेरीचुंबकत्व (Ferrimagnetism)-- यदि विपरीत किंतु असमान प्रचक्रण वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर हो तो फलस्वरूप उत्पन्न चुंबकत्व को फेरीचुंबकत्व कहते हैं।
परा चुंबकत्व (Paramagnetism)-- पदार्थों का वह गुणधर्म जिसके कारण उनमें चुंबकीय प्रवृति अल्प औऱ धनात्मक होती है। पराचुंबकत्व वाले पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र द्वारा अल्प मात्रा में आकर्षित होते हैं। अधिकांश धातुएँ इसी वर्ग में आती हैं उदाहरणार्थ क्षारीय मुदा धातुएँ, संक्रमण धातुएं और क्यूरी बिंदु के ऊपर लोह चुंबकत्व वाली धातुएँ।
Magnetite
मैग्नेटाइट
प्राकृत रूप में पाया जाने वाल लोहे का चुंबकीय ऑक्साइड (Fe₃O₄) यह काला और अपरादर्शी होता है तथा इसकी धात्विक धुति होती है। इसे चुंबकीय लोह अयस्क भी कहते हैं। इसमें 72.4% लोहा होता है।
Magnetite formation
मैग्नेटाइट अभिरूपण
मैट-प्रगलन अथवा मैट रूपांतरण के समय कुछ आयरन सल्फाइड, उच्च लोह-ऑक्साइड (मैग्नेटाइट) में ऑक्सीकृत हो जाता है। इस मैग्नेटाइट की क्रोम मैग्नेसाइट (जो उच्च ताप सह पदार्थ है) के साथ क्रिया से प्राप्त उत्पाद का आपेक्षिक घनत्व, धातुमल और मैट के आपेक्षिक घनत्व के बीच का होता है तथा गलनांक, प्रगलन और रूपांतरण ताप से अधिक होता है। इस प्रकार मैग्नेटाइट, धातुमल और मैट के बीच आभासी अधस्तल बनाता है जो धातुमल और मैट के पृथक्करण में रुकावट डालता है। भ्राष्ट्र के आस्तर पर अल्प मात्रा में मैग्नेटाइट परत के बनने से उच्च तापसह आस्तर को अधिक समय तक काम में लाया जा सकता है।