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Definitional Dictionary of Metallurgy (English-Hindi)
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Metallograph
धातुचित्रक अपारदर्शी पदार्थों के तैयार पृष्ठों को आँखों से देखने और फोटोग्राफ लेने का प्रकाशिक यंत्र। इसमें पृष्ठ का 25 से 1500 गुना आवर्धन किया जा सकता है।

Metallography
धातुचित्रण विज्ञान की वह शाखा जिसमें धातुओं की संरचना और संघटन का अध्ययन किया जाता है। यह प्रकाशिक सूक्ष्मदर्शी और इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी दोनों की सहायता किया जाता है। प्रकाशिक सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग करने के लिए धातु के पृष्ठीय परतों को अपघर्षक संसिक्त कागज और कपड़े की मदद से पॉलिश किया जाता है। इस स्थिति में परीक्षण करने से दरारों, छिद्रों और अंतर्वेशी (Inclusions) का पता लगता है। उत्कीर्णक द्वारा पृष्ठ के उत्कीर्णन (Etching) से पृष्ठ की सूक्ष्म संरचना और सूक्ष्म दरारों का पता लगता है जो पॉलिश करने से अदृश्य हो जाती है।

Metalloid
उपधातु वे तत्व जिनके कुछ गुणधर्म धातुओं के समान और कुछ विशिष्ट गुणधर्म अधातुओं के समान होते हैं। उदाहरणार्थ बोरॉन, सिलिकन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, ऐन्टिमनी, पोलोनियम और टेलुरियम। इस्पात निर्माण में अल्प मात्रा में विद्यमान तत्वों जैसे कार्बन, सिलिकन, फॉस्फोरस और गंधक को भी उपधातु कहा जाता है।

Metallothermic
धातुऊष्मिक प्रक्रम धात्विक अपचायकों द्वारा धातुओं के ऑक्साइडों और हैलाइडों के अपचयन की विधि। ऑक्साइड और अपचायक के मिश्रण का घान के रूप में प्रयोग होता है जिसे थर्मिट कहते हैं। यह ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है जो जलने पर स्वतः होता रहता है। प्रमुख धातु ऊष्मक प्रक्रम निम्नलिखित है-- 1. ऐलुमिनो ऊष्मिक प्रक्रम (Aluminothermic process)-- गोल्डश्मिट द्वारा प्रस्तुत एक प्रक्रम जिसमें ऐलुमिनियम और लोह ऑक्साइड चूर्ण के मिश्रण को बेरियम परॉक्साइड के साथ मैग्नीशियम फ्यूज द्वारा जलाने पर प्रचंड अभिक्रिया होती है। 2AI + Fe₂O₃ → 2Fe + Al₂O₃ इस अभिक्रिया के फलस्वरूप ताप, 3000°C तक पहुँच जाता है। ऐलुमिनियम और लोह ऑक्साइड के मिश्रण को थर्माइट कहते हैं। यह विधि लोहे और इस्पात के बड़े-बड़े टुकड़ों पानी के जहाजों, शैफ्टों आदि के वेल्डन के काम में लाई जाती है। इस विधि का उपयोग क्रोमियम मैंग्नीशियम, जर्कोनियम आदि धातुओं को उनको ऑक्साइडों से पृथक करने और कम कार्बन युक्त फेरोमिश्रातु के उत्पादन में भी होता है। इसे गौल्डश्मिट प्रक्रम ऊष्मिक भी कहते हैं। 2. मैंग्नीशियो-कैल्सियोऊष्मिक प्रक्रम (Magnesio and calcio thermic process)-- इसका उपयोग यूरेनियम, थोरियम, टाइटेनियम, जर्कोनियम, वैनेडियम आदि दुर्लभ धातुओं के उत्पादन के लिए होता है। इन धातुओं के हैलाइडों (फ्लुओराइडों और क्लोराइडों) अथवा ऑक्साइडों का मैग्नीशियम अथवा कैल्सियम द्वारा अपचयन किया जाता है। 3. सिलिकोऊष्मिक प्रक्रम (Silicothermic process)-- डोलोमाइट से मैग्नीशियम के उत्पादन की विधि जिसे पिजन (Pidgeon) ने विकसित किया था। फेरोसिलिकन मिश्रित निस्तापित डोलोमाइट को निर्वात में रिटॉर्टो में गरम किया जाता है और अपचित मैंग्नीशियम वाष्प को द्रवित किया जाता है।

Metallothermic reduction
धातुऊष्मिक अपचयन देखिए-- Metallothermic process

Metallurgical coke
धातुकर्मीय कोक कोयले के उच्चताप कार्बनीकरण से प्राप्त उत्पाद। इस प्रक्रम में वाष्पशील हाइड्रोकार्बन शुष्क आसवन से पृथक हो जाते हैं। अच्छा धातुकर्मीय कोक उसे कोयले से प्राप्त किया जाता है जिसमें 20 से 30 प्रतिशत के बीच वाष्पशील पदार्थ होता है। उन्नयित ताप पर धातुकर्मीय कोक की संपीडन सामर्थ्य (Compressive strength) बहुत अधिक होती है। इसका उपयोग धातुकर्मिकी भ्राष्ट्रों में ईंधन के रूप में ही नहीं बल्कि घान के भार को आधार देने में भी होता है। इसे उच्च ताप कोक भी कहते हैं।

Metallurgical microscope
धातुकर्मीय सूक्ष्मदर्शी धातुओं और मिश्रातुओं की स्थूल और सूक्ष्म संरचनाओं का अध्ययन करने के लिए प्रयुक्त प्रकाशिक यंत्र। देखिए-- Metallograph भी

Metallurgy
धातुकर्मिकी धातुओं का विज्ञान और प्रौद्योगिकी जिसके अंतर्गत धातुओं का उनके अयस्कों और अन्य गौण स्रोतों से निष्कर्षण और परिष्करण तथा धातुओं को मनुष्य के लिए उपयोगी बनाने में सहायक सभी प्रक्रम और प्रक्रियायें, जैसे धातु को विभिन्न रूप देना, मिश्रातुओं का निर्माण, वांछित भौतिक और यांत्रिक गुणधर्मी को प्राप्त करने के उद्देश्य से मिश्रातुओं और धातुओं का ऊष्मा-उपचार, धातुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन तथा उसका भौतिक और यांत्रिक गुणधर्मों के साथ संबंध, आदि आते हैं। धातुकर्म की प्रमुख शाखाएँ इस प्रकार हैं-- 1. भौतिक धातुकर्मिकी (Physical metallurgy)-- धातुकर्म की वह शाखा जिसका संबंध धातुओं और मिश्रातुओं की संरचना (क्रिस्टली, सूक्ष्म और स्थूल) तथा गुणधर्मो (भौतिक और यान्त्रिक) के पारस्परिक संबंध से है। इसके अंतर्गत धातुओं और मिश्रातुओं का धातु-चित्रण, ऊष्मा-उपचार तथा यांत्रिक-व्यवहार का अध्ययन होता हैं। 2. अनुप्रयोगी अथवा औद्योगिक धातुकर्मिकी (Adaptive or industrial metallurgy)-- धातुकर्मिकी की वह शाखा जिसके अंतर्गत वे प्रक्रम और प्रक्रियाएँ आती हैं जिनके द्वारा अपरिष्कृत धातुकर्मी उत्पाद को परिष्कृत बिक्रीयोग्य उत्पाद में परिवर्तित किया जा सकता है। इसमें मिश्रात्वन, संचकन, बेलन, फोर्जन, कर्षण, प्रचक्रण (Spinning) वेल्डिंग आदि आते हैं। अनुप्रयोगी धातुकर्मिकी की उपशाखायें इस प्रकार हैं-- (क) संधानशाला (Foundry)-- देखिए-अकारादि क्रम में। (ख) चूर्ण-धातुकर्मिकी (Powder metallurgy)-- देखिए अकारादि क्रम में। (ग) यांत्रिक-धातुकर्मिकी (Mechanical metallurgy)-- इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के यांत्रिक प्रतिबलों के प्रभाव में धातुओं और मिश्रातुओं के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इसमें वे अभिरूपण प्रक्रम भी आते हैं जिनके द्वारा धातुओं और मिश्रातुओं का सुघट्य विरूपण (Plastic deformation होता है।
(घ) धातु-सम्मिलन (Metal joining)-- धातुओं को जोड़ने के लिए प्रयुक्त प्रक्रम। इनके द्वारा धातुओं को ऊष्मा-स्रोत एवं पूरक-धातु (Filler metal) की मदद से अथवा उनके बिना जोड़ा जाता है। प्रयुक्त मुख्य तकनीक, वेल्डन, ब्रेजन और सोल्डरन हैं। 3. निष्कर्षण अथवा प्रक्रम-धातुकर्मिकी (Extractive or process metalurgy)-- धातुकर्म की वह शाखा जिसका संबंध धातुओं का उनके अयस्कों और अन्य स्रोतों से निष्कर्षण और परिष्करण से है। निष्कर्षणी धातुकर्म की उप-शाखाएँ इस प्रकार हैं-- (क) खनिज सज्जीकरण (Mineral beneficiation) देखिए-- अकारादि क्रम में। (ख) रासायिनिक धातुकर्मिकी (Chemical metallurgy)-- निष्कर्षण धातुकर्मिकी की वह शाखा जिसका संबंध धातुओं को उनके सांद्रों, स्क्रेपों, औ अपशिष्टों आदि से निष्कर्षण और परिष्करण से हैं। रासायनिक धातुकर्म की शाखाएँ इस प्रकार हैं-- (1) उत्ताप-धातुकर्मिकी (Pyrometallurgy)-- अपेक्षाकृत उच्च ताप पर धातुओं का उनके अयस्कों, सान्द्रों और दि्वतीयक स्रोतों से निष्कर्षण और परिष्करण। इसके अंतर्गत निस्तापन, भर्जन, प्रगलन, परिवर्तन, परिष्करण, आसवन आदि आते हैं। (2) जल-धातुकर्मिकी (Hydrometallurgy)-- जलीय प्रावस्था में अपेक्षाकृत कम ताप पर धातुओं का उनके अयस्कों, सांद्रों और द्वितीयक स्रोतों से निष्कर्षण और परिष्करण। इसके अंतर्गत, निक्षालन (Leaching) विलायक निष्कर्षण, आयन-विनिमय और विलयन से धातुओं की प्राप्ति आदि प्रक्रम आते हैं। (3) विद्युत-धातुकर्मिकी (Electrometallurgy)-- विद्युत की सहायता से धातुओं का उनके जलीय लवण विलयनों और गलित लवण विलयनों से निष्कर्षण और परिष्करण।
" धातुकर्मिकी । -------------------------------------------------------------------------------- ↓ ↓ ↓ भौतिक अनुकूली/ औद्योगिक निष्कर्षी/प्रक्रम धातुकर्मिकी (Physical) (Adaptive/industrial) (Extractive process metallurgy) ↓ ↓ ----------------------------------------------------- ----------------------------------------- ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ढलाई चूर्णधातु कर्मिकी यांत्रिक धातुकर्मिकी वेल्डन खनिज सज्जीकरण रासायनिक (Foundry) (Powder (Mechanical (Welding) (Meneral benefication) (Chemical) metallurgy) metallurgy) ↓ ------------------------------------------------------------------- ↓ ↓ ↓ ताप धातुकर्मिकी जल धातुकर्मिकी वैद्युत धातुकर्मिकी (Pyro metallurgy) (Hydro metallurgy) (Electro metallurgy)"
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Metal mould casting
धातु साँचा संचकन धातुओं और मिश्रातुओं को धातु के बने साँचों में ढालने का प्रक्रम।

Metal mould reaction
धातु साँचा अभिक्रिया उड़ेलते समय और बाद में पिंडन के समय ढाली जा रही धातु की साँचे के पदार्थ के साथ होने वाली अभिक्रिया। देखिए-- Burning भी।


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