क्रोम कार्बुरण
लोहे या न्यून कार्बन इस्पात पर शीघ्रता से एक कठोर पर्त उत्पन्न करने का प्रक्रम। इसमें वस्तु को उपयुक्त ताप तक गरम कर इसके ऊपर से क्रोमस क्लोराइड या क्रोमिक क्लोराइड और मेथेन, प्रोपेन या ब्यूटेन जैसे किसी उपयुक्त हाइड्रोकार्बन और गैसीय मिश्रण को प्रवाहित किया जाता है।
Chromel
क्रोमेल
तापरोधी मिश्रातुओं की श्रेणी ये मिश्रातु विद्युत तापन ऐलिमेंट के रूप में इस्तेमाल होते हैं। ये उत्तम ऑक्सीकरण प्रतिरोध, उच्चताप सामर्थ्य तथा उच्च वैद्युत-प्रतिरोधिता दर्शाते हैं। कोमेल—A में 80% निकैल और 20% क्रोमियम होता है। 1,090°C ताप तक काम में लाया जा सकता है। इस श्रेणी के अन्य सदस्यों में निकैल और क्रोमियम कम होता है और शेष लोहा होता है। ये कम तापरोधी होते हैं। उनका संघटन इस प्रकार हैं :--
मिश्रातु निकैल क्रोमियम लोहा
क्रोमेल A 80% 20% --
क्रोमेल B 85% 15% --
क्रोमेल C 64% 11% 25
क्रोमेल D 90% 10% -- (तापयुग्मों के लिए प्रयुक्त)
Chromel alumel couple
क्रोमेल-ऐलुमेल युग्म
धातुकर्मिकी में सबसे अधिक प्रयुक्त तापयुग्म। इसमें ऐलुमेल (98% क्रोमियम, 2% ऐलुमिनियम) तथा क्रोकेल (90% निकैल, 10% क्रोमियम) के तार होते हैं। इस युग्म का अंशांकन वक्र लगभग ऋजु रेखा होती है तथा इसमें अच्छे ऑक्सीकरणरोधी गुण होते हैं। इसका 1100°C तक लगातार तथा 1300°C तक रुक-रुक कर प्रयोग किया जा सकता है।
लोहे या इस्पात में क्रोमियम के विसरण द्वारा संक्षारणरोधी और तापरोधी पृष्ठ बनाना। इसकी कई विधियाँ हैं। द्रव माध्यम का प्रयोग करने पर धातु को, 1100°C--1200°C ताप पर क्रोमियम क्लोराइड और बेरियम क्लोराइड जैसे किसी तनुकारक के लवण अवगाह में डुबाया जाता है। गैस--क्रोमलेपन में क्रोमियम क्लोराइड वाष्प का प्रयोग किया जाता है। चार घंटे में, 1000°C पर 0.15 मिमी मोटी परत बन जाती है जिसमें पृष्ठ पर 35% क्रोमियम और 0.1 मिमी की गहराई पर 8% क्रोमियम होता है। इस विधि में प्रयुक्त इस्पात में कार्बन की मात्रा कम होनी चाहिए।
Chronite
क्रोनाइट
एक निकैल मिश्रातु जिसमें 63.5% निकैल, 13.5% क्रोमियम, 1% ऐलुमिनियम, 1% मैंगनीज, 0.4% सिलिकन और शेष लोहा होता है यह उच्च ऊष्मारोधी और संक्षारणरोधी होता है। इसका उपयोग ज्वालकों, वाल्वों और अनीलन बाक्सों के लिए किया जाता है।
Chrysoberyl
क्रीसोबेरिल
BeO Al₂O₃, द्वितीयक बेरिलियम आयस्क जिसमें 19.8% BeO होता है। इसका उपयोग बहुमूल्य पत्थर के रूप में होता है। यह विषम लंबाक्ष क्रिस्टलों के रूप में पाया जाता है। कठोरता 8.5, आपेक्षिक घनत्व 3.5--3.8।
Chrysocolla
क्रीसोकोला
CuO. SiO₂, 2H₂O द्वितीयक ताम्र अयस्क जिसमें 36.2% तांबा होता है। यह जलयोजित ताम्र सिलिकेट है। यह नीले गुच्छाकार संहति के रूप में पाया जाता है। कठोरता 2--4 तथा आ0 घ0 2.1।
Cinder
सिंडर
(क) धमन भट्टी के संदर्भ में धातुमल के लिए प्रयुक्त शब्द।
(ख) पडलन--भट्टी (Pudding furnace) में उपोत्पाद के रूप के रूप में प्राप्त लोह--सिलिकेट।
देखिए-- Slag भी