कॉरोनन प्रक्रम
संरक्षी लेप उत्पन्न करने का एक पेटेन्टित प्रक्रम। इसमें आधारी धातु (फेरस और ताम्र आधारी मिश्रातु) पर निकैल की एक समान परत चढ़ाई जाती है और निकैल पर बंग अथवा जस्ते का लेप किया जाता है। लेपित पदार्थ को 170°C --400°C (बंग या जस्ते के गलनांक के कम ताप) के बीच पर्याप्त समय तक गरम किया जाता है ताकि बंग का कुछ भाग, निकैल-लेप की बाहरी परतों में विसरित हो जाए।
संरक्षी-प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें क्रमशः बदलते संघटन वाली मिश्रातु परतों की श्रेणी बनती है जिसमें से प्रत्येक परत अपनी निचली परत से उत्कृष्ट होती है। कॉरोनन का मुख्य उपयोग धातुओं को गंधक से संरक्षण प्रदान करने में किया जाता है।
Corrosion
संक्षारण
पर्यावरण के साथ रासायनिक या वैद्युत रासायनिक क्रिया द्वारा धातुओं अथवा मिश्रातुओं का क्षय। उदाहरणार्थ लोहे पर जंग लगना। आर्द्रता अथवा अनुकूल तत्वों और अवयवों की उपस्थिति के कारण (जैसे औद्योगिक वायुमंडल में गंधक, समुद्री वायुमंडल में नमक की फुहार और रासायनिक संयंत्रों में रासायनिक द्रव्य) क्षय की दर बढ़ जाती है। ऑक्सीजन का काम अलग-अलग अवस्थाओं में अलग-अलग होता है। लोहे के सीधे ऑक्सीकरण से पपड़ी बन जाती है जिससे आगे संक्षारण नहीं होता। ऑक्सीजन की सीमित मात्रा से वैद्युतरासायनिक क्रिया द्वारा संक्षारण दर बढ़ जाती हैं। जब दो भिन्न धातुओं को किसी द्रव में एक दूसरे के संपर्क में रखा जाता है तो संक्षारण-धाराएँ प्रवाहित होती हैं।
जब तांबा निकैल, वंग आदि कैथोडी धातुओं का इस्पात के लेपन में उपयोग किया जाता है, तो परत के टूटने पर संक्षारण होता है। अच्छे संरक्षण के लिए इस्पात का जस्त, ऐलुमिनियम आदि ऐनोडी धातुओं का लेप किया जाता है।
प्रतिबल संक्षारण (Stress corrosion)-- यांत्रिक-प्रतिबल और संक्षारक पर्यावरण की युग्म प्रक्रिया से किसी पदार्थ के यांत्रिक गुणों का तीव्र ह्रास होना। यह ह्रास उपर्युक्त दोनों क्रियाओं के पृथक ह्रासों के योग से अधिक होता है।
Corrosion fatigue
संक्षारण-श्रांति
एक साथ प्रत्यावर्ती प्रतिबलों और संक्षारण के प्रभाव में रखने के कारण संविरचित हिस्सों का काम न कर पाना। जब प्रत्यावर्ती प्रतिबल-चक्रों के समय रासायनिक क्रिया होती है तो धातु की सहायता बहुत घट जाती है। परीक्षण की सामान्य स्थितियों में पदार्थ की श्रांति सीमा से कम प्रतिबलों पर हानि यथासमय होती है। यह हानि संक्षारण के कारण पृष्ठ के कमजोर होने से नहीं बल्कि संरक्षी ऑक्साइड की परत के टूट जाने और पृष्ठ पर अति सूक्ष्म दरारों में संक्षारक पदार्थ के भर जाने से होती है। ऐसी परिस्थितियों में चरम तनन सामर्थ्य और सहायता सीमा के बीच सामान्य संबंध सार्थक नहीं रहता। साथ ही, कोई निर्दिष्ट सहायता-सीमा नहीं होती है और धातु का अनुप्रयोग मुख्यतः धातु की संक्षारणरोधिता पर निर्भर करता है।
Corundum
कोरंडम
Al₂O₃, ऐलुमिनियम खनिज जिसका उपयोग अपघर्षक या बहुमूल्य पत्थर के रूप में होता है। इसके अभिनताक्ष क्रिस्टल होते हैं। यह हीरे के समान कठोर होता है और पारदर्शक अवस्था में अनेक बहुमूल्य पत्थरों के रूप में मिलता है। ओरिएन्टल पुखराज का रंग पीला, नीलम का रंग नीला, माणिक्य (ruby) का रंग लाल, ओरिएन्टल एमिथिस्ट का रंग बैंगनी और ओरिएन्टल एमेरेल्ड का रंग हरा होता है। कठोरता 9, आपेक्षिक घनत्व 3.9--4.1 कृत्रिम कोरंडम बनाने के लिए बॉक्साइट का विद्युत-भ्राष्ट्र में संगलन किया जाता है जो बाजार में एलंडम या एलॉक्साइट के नाम से बिकता है।
Country rock
स्थानीय शैल
खनिज शिराओं द्वारा अंतर्वेधित चट्टान के लिए प्रयुक्त शब्द। विस्तृत संदर्भ में इसका प्रयोग उन चट्टानों के लिए होता जिन पर आग्नेय अंतर्वेधन हुआ हो।
Covellite
कोवेलाइट
CuS, सल्फाइड ताम्र अयस्क जिसमें 66.5% तांबा होता है। यह प्रायः संहति के रूप में और कभी-कभी षट्कोणीय क्रिस्टलों के रूप में भी पाया जाता है इसकी द्युति अर्धधात्विक और नील के समान रंग होता है। आपेक्षिक घनत्व 4.6। इसे कोबेलाइन भी कहते हैं।
Covering power
आच्छादन-क्षमता
विद्युत-निक्षेपण में प्रयुक्त शब्द जो यह दर्शता है कि विद्युत निक्षेपित धातु, कैथोड-के कितने क्षेत्र का आच्छादन कर पाती है।
तुलना-- Throwing power