कोपेल
एक निकैल-तांबा मिश्रातु जिसमें 55% निकैल और 45% तांबा होता है। इसका प्रतिरोध ताप-गुणांक कम होता है। इसका उपयोग विद्युत यंत्रों में प्रतिरोध कुंडली के रूप में किया जाता है। इसे कांस्टेन्टन भी कहते हैं।
Continuous operation (process)
सतत प्रचालन
वह प्रचालन जिसमें प्रभरण पदार्थ को प्रक्रमण यूनिट के एक सिरे से लगातार डालते रहते हैं और उत्पाद दूसरे सिरे से निकलते रहते हैं। उदाहरणार्थ ड्वाइट लॉयड सिंटरन मशीन, सतत संकचन, घूर्णी भट्टा आदि।
तुलना-- Batch operation
Contorograph
पृष्ठसज्जालेखी
पृष्ठसज्जा को रिकार्ड करने का यंत्र। इसमें पृष्ठ और घूमती हुई ग्रामोफोन की सूई की परस्पर आपेक्षिक ऊर्ध्वाधर गति को प्रकाशतः परिवर्धित कर रिकार्ड कर लेते हैं।
Controlled atmosphere
नियंत्रित वायुमंडल
कोई गैस या गैसों का मिश्रण जो ऊष्मोपचार के समय धात्विक वस्तुओं के साथ किसी रासायनिक क्रिया को रोकता या मंद करता है।
देखिए-- Protective atmosphere भी
Converter
परिवर्तित्र
एक प्रकार की भट्टी जिसमें अपरिष्कृत धातु का परिष्करण किया जाता है। मुख्यतः इसके निम्नलिखित प्रकार होते हैं।
बेसेमर परिवर्तित्र (Bessemer converter)
इस्पात का बना नाशपाती के आकार का एक पात्र जिसका निचला हिस्सा अलग हो सकता है। अम्ल बेसेमर परिवर्तित्र में सिलिका की ईंटों का आस्तर जबकि क्षारकीय बेसेमर परिवर्तित्र में टारयुक्त डोलोमाइट का आस्तर लगा रहता है। परिवर्तित्र इनमें टूनियनों में आरूढ़ रहता है और 360° तक घूम सकता है। इनमें एक टूनियन खोखला होता है ताकि उसमें से हवा जा सके। पैंदे में टूवीयर और एक वात-पेटिका होती है। यह वात-पेटिका खोखले टूनियन से जुड़ी रहती है। इसका उपयोग इस्पात-निर्माण में किया जाता है। पहली बार के उत्पादन को निकाल लेने के बाद गरम धातु प्राप्त करने के लिए परिवर्तित्र को क्षैतिज स्थिति में रख लिया जाता है। धातु का ट्रवीयर छिद्रों में प्रवेश रोकने के लिए भरे पात्र को खड़ा करने से पहले वायु का झोंका प्रवाहित किया जाता है जो ऑक्सीकरण का काम भी करता है।
ग्रेट फाल्स परिवर्तित्र (Great Falls converter)
यह एक पार्श्व धमित परिवर्तित्र है जिसका उपयोग ताम्र मैट को फफोलेदार तांबे में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। आजकल यह इस्तेमाल नहीं होता है।
काल्डो परिवर्तित्र (Kaldo converter)
यह एल0 डी0 परिवर्तित्र का उन्नत रूप है। यह एल0 डी0 परिवर्तित्र से इस बात में भिन्न है कि इसमें ऑक्सीजन अतःक्षिप्त करते समय परिवर्तित्र घूर्णन करता है ताकि धातुमल और धातु का परस्पर संपर्क हो सके और अभिक्रियाएं पूरी हो सकें। एक सिरे पर स्थित केंद्रीय द्वार से परिवर्तित्र में जलशीतित ऑक्सीजन लांस प्रविष्ट किया जाता है। परिवर्तित्र में टारयुक्त डोलोमाइट का आस्तर लगाकर उसे क्षैतिज से 17° पर झुका दिया जाता है। घूर्णी लोस के अतिरिक्त पात्र के लगभग 180° कोण पर आनत किया जा सकता है जिससे घान डालने, गालक मिलाने, प्रचालन और निकासन में सुविधा रहती है।
एल0डी0 परिवर्तित्र (L.D. converter) इस्पात निर्माण में गैसीय ऑक्सीजन का सबसे अधिक सफल अनुप्रयोग शीर्षधमित परिवर्तित्र में किया जाता है। इस प्रक्रम को एल0डी0 प्रक्रम कहते हैं। यह नाम आस्ट्रिया के लिन्त्स और डोनाविट्ज नाम के दो नगरों के नाम पर रखा गया है जहाँ इस प्रक्रम द्वारा सर्वप्रथम इस्पात बनाया गया था। यह वास्तव में बेसेमर परिवर्तित्र का उन्नत रूप है। इसमें वायु के स्थान पर ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है तथा वात्या को घान के ऊपर प्रवाहित किया जाता है। यह नाशपाती के आकार का एक पात्र होता है जिसका अधस्तल बंद रहता है। इसमें घान के रूप में ऊर्ध्व अवस्था में इस्पात स्क्रैप और गरम धातु डाले जाते हैं। ऑक्सीजन को पात्र की नासिका से जलशीतित नली अथवा लांस द्वारा प्रविष्ट किया जाता है। पियर्स स्मिथ परिवर्तित्र (Pierce Smith converter) यह एक बेलनाकार पात्र होता है जिसमें 100-200 टन मैट समा सकता है। इसमें प्रगलन से प्राप्त गलित मैट का घान डाला जाता है और वायु के पार्श्वधमन द्वारा (1) ताम्र-मैट को ताम्र में (2) निकेल मैट को कॉपर सल्फाइड, निकैल सल्फाइट और Cu-Ni-Co मिश्रातु में परिवर्तित किया जाता है। रोटर परिवर्तित्र (Rotor converter) यह एक घूर्णी भट्टी है जिसकें दोनों सिरों पर द्वार होते हैं। एक द्वार से कच्चा लोहा धातुमल और ऑक्सीजन प्रविष्ट करते हैं तथा दूसरे से अपशिष्ट गैसें बाहर निकलती हैं। दूसरे सिरे पर एक निकास छिद्र भी होता है। घूर्णन की गति को 0.1 और 0.5 घूर्णन प्रति मिनट के बीच घटाया-बढ़ाया जा सकता है। ऑक्सीजन को स्वतंत्र रूप से नियंत्रित दो जल-शीतित लांसों द्वारा प्रविष्ट किया जाता है जिसमें एक गलित धातु के पृष्ठ के नीचे और दूसरा कधह के पृष्ठ के ऊपर होता है। यह परिवर्तित्र क्षैतिजतः आरूढ़ रहता है जिसे धातुमल निकालने के लिए आनत किया जा सकता है। इस विधि से अच्छी कोटि का इस्पात प्राप्त होता है जिसमें गंधक की मात्रा बहुत कम होती है।
थॉमस-गिलक्रिस्ट परिवर्तित्र (Thomas Gilchrist converter) यह एक क्षारकीय बेसेमर परिवर्तित्र है जिसमें क्षारकीय उच्चतापसह पदार्थ का आस्तर लगा होता है। इसका उपयोग ऐसे कच्चे लोहे के लिए किया जाता है। जिसमें फॉस्फोस की मात्रा 1.5 प्रतिशत से अधिक होती है। इसमें धातुमल का अत्यंत क्षारकीय और ऑक्सीकारक होना आवश्यक है ताकि फास्फोरस धातुमल में ही रहे।
Cope
शीर्षार्ध
किसी ढलाई-साँचे का ऊपरी हिस्सा।
तुलना-- Drag
Core
क्रोड
(1) पृष्ठ कठोरित (Case hardened) इस्पात का भीतरी अकार्बुरित भाग जो पृष्ठीय-पर्त से मुलायम माना जाता है।
(2) साधाण ढलाई में क्रोड, बालू का बना वांछित आकार का टुकड़ा होता है जो साँचे में इस प्रकार रखा रहता है कि उसे द्रव धातु घेर लेता है। जब उसे हटाया जाता है तो बनने वाला साँचा खोखला रह जाता है।
(3) आच्छद-उत्पाद का आधारी भाग।
Core print
क्रोड प्रिंट
(1) किसी साँचे में बने प्रखाँच जिनमें क्रोडों के सिरों को रखा जाता है।
(2) किसी पैटर्न में बने उभार जो साँचे में प्रिंन्टों को बनाते एवं उनका पता लगाते हैं।
Corhart
कोर्हार्ट
प्राकृतिक बॉक्साइट से बनी संगलन-संचक उच्चतापसहशाला।
Coring
क्रोडन
किसी संचक के क्रिस्टलों का संघटन के अनुसार विभाजन जिसमें सबसे अधिक शुद्ध पदार्थ बीच में रहता है यह उन मिश्रातुओं में होता है जिनकी लिक्लिडस और सॉलिड्स अवस्थाओं में विशेष अंतर रहता है। क्रोडन को बहुधा अनीलन और तप्त-कर्मण द्वारा समाप्त किया जा सकता है। इसका उपयोग अंचल-परिष्करण तकनीक में अत्यंत शुद्ध धातुओं को प्राप्त करने के लिए होता है।