संवहनी पादपों के फिलिकॉप्सिड़ा वर्ग के साएथेसी कुल का एक अंनतिम वंश। इओसोन युग के इन तनों को सतह में सर्पिलतः विन्यस्त पर्णाधार दीखते हैं।
Cycadales
साइकैडेलीज़
संवहनी पादपों के जिम्नोस्पर्मोप्सिड़ा वर्ग का एक गण। ये पादप मोसोजोइक युग में आविर्भूत हुए और कुछ प्रातिनिधि आज भी वर्तमान हैं। पौधों के छोटे से ताड़ जैसे तनों के निचले भाग में स्थायी रूप से पर्णाधार लगे होते हैं तथा ऊपर पत्तियों का किरीट होता है। बीज शंकुओं में लगते हैं।
Cycadeoidaceae
साइकेडिऑइडेसी
संवहनी पादपों के जिम्नोस्पर्मोम्सिडा वर्ग के साइकैडिऑइडेलीज गण का एक कुल। जुरैसिक-क्रिटेशस युग के इन पादपों के विशाल, अशाखित तने होते हैं।
Cycadeoidales
साइकैडिऑइडेलीज़
संवहनी पादपों के जिम्नोस्पर्मोम्सिडा वर्ग का एक गण। इन पादपों का उदय ट्राइएसिक युग में हुआ और क्रिटेशस युग तक ये वर्तमान थे। पादपों के तने विशाल, अशाखित होते हैं जिनके सिरे पर पत्तियों का किरीट होता है। मुख्य वंश हैं साइकौडिऑइडिया और विलियमसोनिया। इस गण का पुराना नाम बेनेटाइटेलीज है।
Cycadeoidea
साइकैडिऑइडिया
संवहनी पादपों के जिम्नोस्पर्मोप्सिड़ा वर्ग के साइकैडिऑइडेलीज गण का एक वंश। जुरैसिक-क्रिटेशस युग के इन पादपों का तना खड़ा, शंकु के आकार का तथा जनन अंग द्विवीजाणुधानिक होते हैं।
Cycadofilicales / Cycadofilices
साइकैडोकिलिकेलीज / साइकैडोफिलिसीज़
पर्णांग और बीजीपादपों के संयुक्त लक्षणों वाले पादप-समूह का पुराना नाम। यह नाम बाद में टेरिडोस्पर्मी, और आजकल टेरीडोस्पर्मेलीज के समकक्ष है।
Cycadolepis
साइकैडोलेपिस
संवहनी पादपों के जिम्नोस्पर्मोप्सिड़ा वर्ग के साइकेडिऑइडेलीज गण का एक अनंतिम वंश। जुरैसिक युगीन इन शल्कों में साइकैडिऑइडेलीज गण के लक्षणों वाले रंध्र पाए जाते हैं।
Cycadophyta
डाइकैडोफाइटा
संवहनी पादपों के शंकुहीन अनावृत्तबीजियों का समूह जिसमें साइकैडेलीज और साइकैडिऑइडेलीज सम्मिलित हैं। कुछ आचार्य इसमें टेरिडोस्पर्मो को भी रखते हैं तथा कुछ केवल साइकैडेलीज के पादपों को। इस समूह के सदस्यों को सामान्य भाषा में साइकैडोफाइट कहते हैं।
Cycadophyte
डाइकैडोफाइट
दे.Cycadophyta
Cyclocrinus
साइक्लोक्राइनस
एक हरित शैवाल वंश। आर्डोविशियन युग के इन पादपों में एक स्तरित वल्कुट (कॉर्टेक्स) होता है।