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Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-VI)

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निर्मायक
निर्माण करनेवाला।
संज्ञा
[सं.]

निर्मायल, निर्माल्य
देवता पर चढ़ायी गयी वस्तु देवार्पित वस्तु; अर्पण के पूर्व 'नैवेद्य' और पश्चात् 'निर्माल्य' कही जाती है। शिव के अतिरिक्त सभी देवताओं का 'निर्मल्य' प्रसाद-रूप में ग्रहण किया जाता है।
संज्ञा
[सं. निर्मालय]

निर्मायौ
रचा, बनाया, उत्पन्न किया।
उ.-ब्रहम रिषि मरीचि निर्मायौ। रिषि मरीचि कस्यप उपजायौ-३-९।
क्रि. स.
[हिं. निर्माना]

निर्मित
बनाया या रचा हुआ।
वि.
[सं.]

निर्मुक्त
जो मुक्त हो, स्वच्छंद।
वि.
[सं.]

निर्मुक्ति
छुटकारा।
संज्ञा
[सं.]

निर्मुक्ति
मोक्ष।
संज्ञा
[सं.]

निर्मूल
जिसमें जड़ न हो।
वि.
[सं.]

निर्मूल
जिसकी जड़ तक न रह गयी हो।
वि.
[सं.]

निर्मूल
जिसका आधार न हो।
वि.
[सं.]


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