मज़दूर दल, श्रमिक दल, लेबर पार्टी (इंग्लैंड) इंग्लैंड के सबसे बड़े दो राजनीतिक दलों में से एक दल जिसका जन्म इंग्लैंड की विभिन्न औद्योगिक क्रांतियों, सहकारी समितियों के गठन तथा चार्टिस्ट आंदोलन के प्रतिफल के रूप में हुआ। इस दल की विधिवत् स्थापना सन् 1900 में हो गई थी। 1922 के आम चुनावों के बाद यह देश का एक शक्तिशाली दल बन गया। यह एक समाजवादी दल है जिसकी मान्यता है कि उत्पादन के सभी साधन जनता के हाथों में होने चाहिए तथा सभी उद्योग एवं सेवाएँ सार्वजनिक नियंत्रण में होने चाहिए। यह दल सर्वप्रथम 1923 में सत्तारूढ़ हुआ यद्यपि इसे संसद में स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं था। इसकी यही स्थिति 1929 में भी थी। 1945 में इसे संसद में स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ। कालांतर में इसकी समाजवादी नीतियों में बहुत कुछ संशोधन हुआ है। उद्योगों के राष्ट्रीयकरण पर दल में मत विभाजन है। पिछले तीन चुनावों में अनुदार दल से इसको मुँह की खानी पड़ी है। यह दल भारत की स्वतंत्रता के प्रति संवेदनशील रहा है और भारत को सत्ता-हस्तांतरण भी इसी दल के शासनकाल में हुआ। इसके प्रमुख नेताओं में रैम्ज़े मैक्डौनल्ड, क्लेमेंट एटली, हैरल्ड विल्सन के नाम उल्लेखनीय हैं।
Laissez faire policy
अहस्तक्षेप नीति, अबंध नीति ऐसी नीति जो आर्थिक व्यवस्था के स्वायत्त स्वरूप की पक्षधर होती है और आर्थिक मामलों में राज्य द्वारा न्यूनतम हस्तक्षेप का समर्थन करती है। इसे यद्भाव्यम नीति भी कहते हैं। इसका मूल मंत्र है `मैदान सबके लिए खुला है। कोई पक्षपात न किया जाए`।
Laissez passer
L
Land force
स्थल सेना सेना का वह अंग जिसकी संक्रियाओं का कार्यक्षेत्र भूमि-प्रदेश होता है।
Landsge meinde
लैंइस माइंडे, जनसभाएँ स्विट्जरलैंड के कुछ कैंन्टनों में प्राचीनकाल से चली आ रही जनसभाएँ जिनमें कैन्टन के सभी वयस्क नागरिक भाग लेते हैं और जो वहाँ के विधान मंडल के समकक्ष हैं। यह प्रत्यक्ष लोकतंत्र का विशुद्धतम नमूना है। इस प्रकार की व्यवस्था इस समय एक कैंटन (ग्लैरस) और चार अर्द्ध-कैंटनों (एपैंजल इनर रोइस, एपैंडन आउट-रोइस, ऑबवाल्डेने, निडवालडेन) में प्रचलित है।
Latitudinarianism
उदारपंथ राजनीतिक व्यवहार तथा मान्यताओं के संबंध में (विशेषतः धार्मिक मामलों में) कट्टरपंथी न होकर उदारवादी दृष्टिकोण।
Law courts
न्यायालय विवादों के निपटारे के लिए देश के न्यायांग के अंतर्गत स्थापित निकाय अथवा अधिकरण जहाँ विवादास्पद मामलों की सुनवाई होती है तथा देश के अनुसार निर्णय दिए जाते हैं।
Law giver
विधि निर्माता, स्मृतिकार राज्य तथा सामाजिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने की दृष्टि से विधि का प्रतिपादन करने वाला मनीषी। इतिहास में कुछ मूल विधि-प्रतिपादकों अथवा विधि-संस्थापकों के नाम प्रख्यात रहे हैं जैसे, भारत में मनु तथा रोम में सोलॉन।
Law of the jungle
जंगल का नियम, सत्स्य न्याय, `जिसकी लाठी उसकी भैंस` यह वह स्थिति है जहाँ कोई नियम, क़ानून अथवा न्याय की व्यवस्था नहीं है और शक्ति ही क़ानून है।
Law of the land
देश-विधि, देश का क़ानून किसी देश में प्रचालित क़ानून।