logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-V)

Please click here to read PDF file Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-V)

थहना
क्रि. स.
(हिं. थाह)
थाह लगाना।

थहरना
क्रि. अ.
(अनु. थरथर)
काँपना, थर्राना।

थहरात
क्रि. स.
(हिं. थहरान)
थर्रा या काँप जाता है।
उ.— गगन मेध घहरात थहरात गात— ९६०।

थहराना
क्रि. /स.
(हिं. टहराना)
दुर्बलता से काँपना।

थहराना
क्रि. /स.
(हिं. टहराना)
भय या डर से काँपना।

थहाइ
क्रि. स.
(हिं. थहाना)
गहराई का पता लगाकर, थाह लेकर।
उ. — सूर कहै ऐसो को त्रिभुवन आवै सिंधु थहाइ - पृ. ३२८।

थहाना
क्रि. स.
(हिं. थाह)
थाह लेना, गहराई का पता लगाना।

थहाना
क्रि. स.
(हिं. थाह)
किसी की योग्यता, कुशलता, विद्वता, बुद्धि आदि का पता लगाना।

थहारना
क्रि. स.
(हिं. ठहराना)
जल में ठहराना।

थाँग
संज्ञा
स्त्री.
(सं. स्थान या हिं. थान)
लुकने-छिपने का गुप्त स्थान।


logo