logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-V)

Please click here to read PDF file Braj Bhasha Soor-Kosh (Vol-V)

थानी
वि.
पूर्ण, संपूर्ण, अशेष।

थानु-सुत
संज्ञा
पुं.
(सं. स्थाणु + सुत)
गणेश जी।

थानेत
संज्ञा
पुं.
(हिं. थानैत)
स्थान का स्वामी।

थानेदार
संज्ञा
पुं.
(हिं. थाना +फा. दार)
थाने का प्रधान अधिकारी।

थानेदारी
संज्ञा
स्त्री.
(हिं. थानेदार )
थानेदार का पद या उसका कार्य और दायित्व।

थानैत
संज्ञा
पुं.
[ हिं. थाना + ऐत (प्रत्य.) ]
स्थान का स्वामी।

थानैत
संज्ञा
पुं.
[ हिं. थाना + ऐत (प्रत्य.) ]
स्थान-विशेष का देवता।

थानैत
संज्ञा
पुं.
(सं. स्थान)
ग्राम-देवता।

थानौ
संज्ञा
पुं.
(सं. स्थान, हिं. थान)
टिकने या रहने का स्थान, वासस्थान।
उ.- रघुकुल राघव कृस्न सदा हो गोकुल कीन्हौ थानौ १-११।

थाप
संज्ञा
स्त्री.
(सं. स्थापन)
तबले आदि पर दी गयी थपकी या ठोंक


logo