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Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

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चंडूखाना बना रखना
बेसिलसिले, बेमतलब बातें करते जाना; गप्पें मारना।
वाह भाई, तम लोगों ने अच्छा चंडूखाना बना रखा है।

चंडूखाने को गप्प
व्यर्थ की बातें; ऐसी झूठी बात जिस पर विश्वास न किया जा सके।
अखबारी दुनिया की सैर, चलती मछली, चंडूखाने की गप, सभी अच्छा है (पद्म. के पत्न-पद्म. शर्मा, 182)।

चंडूखाने की गप्प हांकना
व्यर्थ की बातें करना।
यह चंडूखाने की गप्प हाँकना बन्द भी करो।

चंडूल
बहुत झगड़ालू।
अरे यार, इस चंडूल से कैसे काम बनेगा।

चंडूल
बे डील-डौल का।
देखिए प्रयोग (1)।

चंदन उतारना
पानी देकर चंदन घिसना।
शिवजी की पूजा के ले चंदन उतार लो बेटा।

चंदन चढ़ाना
घिसा हुआ चंदन लगाना।
चंदन चढ़ाइ चारु सुंदर शरीर सब, राखी सुघ्र सोभा सुनि बसन बसाई सी (केशव.-केशव, 110)।

चंदिया खाना
बात से हैरान कर डालना।
किशना तो चंदिया खा जाता है, उसका मुँह किसी तरह नहीं बन्द किया जा सकता।

चंदिया खाना
निर्धन कर देना।
जमींदार ने गरीब किसानों की चंदिया खा ली कुछ न छोड़ा।

चंदिया खुजलाना
मार खाने की इच्छा होना।
चंदिया खुलजा रही हो तो बोलो, उसका इन्तजाम करवा दूँ।


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