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Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

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उखड़कर बोलना
झिझककर कहना।
पहले वे चुप रहे फिर उखड़कर धीरे-धीरे बोलने लगे।

उखड़ा
अनमना हो जाना।
सज्जन बहुत उखड़ा हुआ था (बूँद. -नागर, 418)।

उखड़ा
विचलित होना, मुकाबला न कर पाना।
वकीलों ने इनसे भी सवाल किया, पर सच्चे गवाह क्या उखड़ते (गबन-प्रेमचंद, 314)।

उखड़ा
कुछ दम न रह जाना, प्रभाव नष्ट हो जाना।
अब मेला उखड़ गया। चलो, अब गाना उखड़ गया।

उखड़ा हुआ
उदास, खिन्न।
XX रद्धूसिंह जब घर पहुँचे तो बेहद उखड़े हुए थे (अमृत.-नागर, 126)।

उखड़ा-उखड़ा
उदास, अन्यमनस्क।
दिन भर चेतन उखड़ा-उखड़ा सा घूमता रहा था (चेतन-अश्क, 269)।

उखड़ी हुई बातें करना, उखड़ी-उखड़ी बातें करना
अव्यवस्थित सी बातें करना।
इस गृहस्थी की विश्रृंखलता के लिए वह अपने को अपराधी समझ रही थी। उसकी बातें उखड़ी-उखड़ी हो रही थीं (तितली-प्रसाद, 151)।

उखड़ी हुई बातें करना, उखड़ी-उखड़ी बातें करना
उदासीनता या विरक्ति से बातें करना।
क्यों नहीं तब जायगा कोई उखड़, बात हम उखड़ी हुई जब कहेंगे (चुभते. हरिऔध, 34)।

उखड़ी-उखड़ी बातें करना
दे. उखड़ी हुई बातें करना।

उखड़-पुखड़ी सुनाना
अंडबंड बातें सुनाना।
आप इतनी उखड़ी-पुखड़ी सुनायेंगे तो कोई क्यों आपके पास आयेगा।


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