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Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

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उजाला होना
उन्नति होना, आनंद होना।
वह कुंवर उदैभान जिससे तुम्हारे घर का उजाला है इन दिनों में कुछ उसके बुरे तेवर और बेडौल आँखें दिखाई देती हैं (इंशा.-इंशा, 96); तुमसे ही इस घर में उजाला होगा (सुहाग.-नागर, 94)।

उजाला होना
प्रिय होना।
सूर बली वीर जसुमति कौं उज्यारौ लाल चित्त कौं करत चौन बैनहिं सुनाइ कै (क. र.-सेनापति, 18)।

उजाला होना
सबेरा होना।
उजाला हो गया, उठो। कब तक सोते रहोगे?

उजाले का तारा
शुक्र ग्रह।

उजाले में चोरी कर लेना
सरे आम कुछ चुरा लेना।
सूरदास ठगि रही ग्वालिनी, मन हरि लियौ अंजोरि (सू.- सा.-सूर, 888)।

उजाले-उजाले
दिन-दिन में।
जल्दी-जल्दी पैर बढ़ाओ ताकि हम लोग उजाले-उजाले रामपुर पहुँच जायँ।

उझकना-बिझकना
उछल-कूद करना।

उझल पड़ना
एकाएक क्रोध आ जाना।
बात-बात में उझल पड़ने की तुम्हारी बड़ी बुरी आदत है।

उझल पड़ना
बहुत से मनुष्य, पशु या वस्तु का आ पड़ना।
उस दिन कथा में सारा शहर उझल पड़ा था।

उटक्कर का फ़तीहा
व्यर्थ घूमनेवाला।
अरे यार, उस उटक्कर के फ़तीहे को कौन पूछता है।


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