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Vrihat Muhavara Kosh (Khand 1)

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इस हाथ की खबर उस हाथ को न होना
निकटतम व्यक्ति को भी जानकारी न होना।
XXसियासत का खेल परदा-दर-परदा सात फाटकों में बंद होकर खेलना चाहिए ताकि इस हाथ की खबर उस हाथ को भी न लगे (सात.-नागर, 85)।

इस हाथ देना उस हाथ लेना
तुरंत देना-लेना बराबर करना, कुछ बकाया न लगा रखना।
मेहनत-मजूरी का दाम धीरे-धीरे पटता रहता, क्योंकि कोई धंधा तो था नहीं कि इस हाथ ले उस हाथ दे (कम.-कम., 97)।

इसी दम
तुरन्त।
तुम इसी दम उनसे सब हाल कह दो।

इसी दुनिया में (रहकर) बाल सफ़ेद करना
खूब दुनियाबी अनुभव किये होना।
मैंने भी इसी दुनिया में बाल सफ़ेद किये हैं (कर्म.-प्रेमचंन्द, 342)।

इसी रास्ते चलना
ऐसा रुख अख्तियार करना।
XX जब दुनिया इसी रास्ते पर चल रही है, तो मैं भी क्यों न चलूँ? (अंधेरे.-राकेश, 482)।

इस्तिंजा का ढेला
तुच्छ व्यक्ति।

इस्तिंजा लड़ना या लड़ाना
अत्यन्त मित्रता होना या करना।
आजकल कामता और गंगाराम में खूब इस्तिंजा लड़ रहा है।

इस्तिंजा से इस्तिजा लड़ाना
सांसारिक सुख भोग करना।
इस्तिंजा से इस्तिजा लड़ाने में सारी ज़िन्दगी गुज़ार दी अब बुढ़ौती में नया क्या करूँगा।

इहलीता समाप्त होना
मर जाना।

इस बार किला जीत लिया
वास्तव में यह काम प्रशंसा के योग्य है।


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